कुंवारी की भाग्य से विहाता मरने की कहावत चरितार्थ होती पंचायतों में

सरपंची के बाद प्रधानी के रूप में 08वें वर्ष में प्रवेश की ओर

कोलारस -  इसी कहते है ईश्वर जब देता है तो छप्पर फाडकर देता है सरपंची से लेकर जनपद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लडने वाले बने तो थे पांच वर्ष के लिये किन्तु कोरोना गाईड लाईन एवं सरकारों की अदला बदली के चलते सरपंच से लेकर जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रधानी के नाम से 07 वर्ष का कार्यकाल मार्च में पूर्ण करने एवं 08वें वर्ष में प्रवेश का रास्ता सरकार के आदेश एवं कोरोना के बड़ते केसों के चलते सच होता दिखाई दे रहा है जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत को जारी आदेश के क्रम में पीसीओ के स्थान पर पूर्व सरपंचों को प्रधानी के नाम से पुनः हस्ताक्षर बैंको में आगामी आदेश या चुनाव होने तक भेजने होंगे इसी प्रकार जनपद अध्यक्ष से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष को भी समिति के नाम से प्रधान बनाकर 07 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर 08वें वर्ष में प्रवेश का रास्ता खुलने का आदेश सरकार ने मंगलवार को जारी कर दिया है जिसके पालन में चालू सप्ताह में अधिकारियों की जगह पुनः प्रधान, जनपद अध्यक्ष एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के हस्ताक्षर समूचे प्रदेश में भेजने का क्रम जारी हो जायेगा इसी कहते है ऊपर वाला जब भी देता-देता छप्पर फार के देहाती कहावत है कुंवारी के भाग्य से विहाता मरने के चलते कुंवारी का रास्ता हो जाता है साफ।



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