महंगाई से त्रस्त जनता चुनावों में बदला लेने का बना चुकी है मन

महंगाई से जनता में हाहाकार सरकार नहीं जागेगी तो जनता सिका सकती है सबक 
हरीश भार्गव कोलारस - आजादी से लेकर अभी तक मध्यप्रदेश के लोगो ने कांग्रेस, भाजपा अथवा भाजपा की सहयोगी जनसंघ की सरकार बनाई और देखी है गुटवाजी और टुटन के बाद भी कांग्रेस जहां मजबूत विकल्प के रूप में दिखाई तो दे रही है किन्तु कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा न होने के कारण तथा लम्बे समय से विपक्ष में बैठी कांग्रेस हापती हुई दिखाई दे रही है जहां तक सबाल तीसरे दल के रूप में पहचान बनाने वाले बसपा की हम सच्चाई पर नजर डाले तो जिस प्रदेश से बसपा का जन्म हुआ उसी प्रदेश में बसपा शून्य पर जा पहुंची है तथा जाति विशेष से आगे न बडने के कारण बसपा आने वाले 2023 के विधानसभा चुनावों में इस बार तीसरे नम्बर पर भी रहेगी इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है।

वर्तमान में जिस ओर देखों उस ओर केवल और केवल महंगाई और भ्रष्टाचार के साथ साथ प्रशासनिक व्यवस्था में सरकार जनता की उम्मीदों पर 100 प्रतिशत खरा उतरने में सफल सावित नहीं हो पा रही है महंगाई से जनता का ध्यान भटकाने तथा स्थानीय चुनावों की बात करना तो दूर की बात है सरकार पेट्रोल-डीजल पर पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश से काफी  अधिक टैक्स मध्यप्रदेश की जनता से सरकार बसूल रही है जिस प्रकार अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिये उत्तर प्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में वुल्डोजर मामा की चर्चाऐं जोरो पर है आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुये जिस प्रकार अपराधियों पर नकेल कसने के लिये उत्तर प्रदेश का फार्मूला मध्यप्रदेश की सरकार अपना रही है जनता पूछ रही है कि उत्तर प्रदेश की तरह यदि पेट्रोलियम उत्पादों पर भी छूट मिल जाये तो आम लोगो का जीवन नासूर बनने की जगह आसान बन जाये।


जिस प्रकार महंगाई से पूरा देश त्रस्त है उसी प्रकार प्रदेश के लोग भी महंगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार, लाचार स्वास्थ्य, लाचार शिक्षा से लेकर लाचार कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश की जनता में आक्रोश दिखाई दे रहा है महंगाई से परेशान प्रदेश की जनता यही कहते हुये दिखाई दे रही है कि आने वाले चुनावों में दिल्ली एवं पंजाब की तरह मध्यप्रदेश में भी आप की आमद दमदारी से होने का अनुमान है यदि लोगो का अनुमान और सरकार का महंगाई  पर नियंत्रण नहीं रहा तो मध्यप्रदेश आप पार्टी के लिये मजबूत गढ़ हो सकता है। 








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