22 जून से सूर्य वापस दक्षिण दिशा की ओर जाने का आभास होगा। इसे दक्षिणायन कहा जाता है। इस खगोलिय घटना के कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे अधिक तथा रात सबसे छोटी होगी।
भारत सरकार की नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पृथ्वी के 16 देशों और भारत के 8 राज्यों सहित मध्य प्रदेश के 14 जिलों से होकर जाने वाली सूर्य की इस काल्पनिक रेखा पर सूर्य की उत्तरायण यात्रा का अंतिम दिन होगा। 22 जून से सूर्य वापस दक्षिण दिशा की ओर जाने का आभास होगा। इसे दक्षिणायन कहा जाता है। इस खगोलिय घटना के कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे अधिक तथा रात सबसे छोटी होगी। कर्क रेखा पर स्थित शहरों में दोपहर में वस्तुओं की परछाई उनके आधार पर बनेगी जिससे उनकी छाया गायब हुईं नजर आएगी। उन शहरों में आज जीरो शैडो डे होगा।
सारिका ने बताया कि भूमध्य रेखा के 23.43 डिग्री उत्तर में इस काल्पनिक रेखा का नामकरण लगभग दो हजार साल पहले जब किया गया था,तब सूर्य कर्क तारामंडल में था। पृथ्वी के प्रशेसन ऑफ इकिनॉक्स की घटना के बाद अब इस समय सूर्य वृषभ तारामंडल में रहता है। अगर आज इस रेखा का नामकरण किया जाता तो इसे वृषभ रेखा नाम दिया जा सकता था। विश्व की दो नदियां कांगो तथा माही कर्क रेखा को दो बार पार करती हैं। इनमें से एक मध्य प्रदेश की माही नदी है। यह धार ज़िले से आरंभ होकर कर्क रेखा को काटती हुई राजस्थान की तरफ जाती है। वहां से यह गुजरात में प्रवेश करके पुनः कर्क रेखा को काटती है।
ऑक्सीजन तथा उर्जा देने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए सूर्य प्रकाश ज़रूरी घटक होता है। पोधे 22 जून को देर तक ऑक्सीजन देंगे। सूर्य से विटामिन डी ज़्यादा मिलेगा। सबसे लंबा दिन होने से सूर्य देर तक आकाश में बना रहेगा। भारत के आठ राज्य जिनमें से होकर कर्क रेखा गुजरती हैं मिजोरम, त्रिपुरा, वेस्ट बंगाल, झारखंड,छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात हैं। मध्य प्रदेश के 14 ज़िलों रतलाम, उज्जैन, आगर मालवा, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, उमरिया तथा शहडोल से ये रेखा गुजरती है।
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