मध्यप्रदेश में दो दशकों बाद प्रदेश को दूसरी रामसर साइट मिली है देश में 5 नई घोषित रामसर साइट में शिवपुरी जिले की साख्य सागर को रामसर साइट का दर्जा मिला है इससे पहले भोपाल की बड़ी झील को रामसर साइट का दर्जा मिल चुका है।
पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित साख्य सागर को रामसर साइट का दर्जा दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेन्दर यादव का आभार प्रकट किया है डंग ने कहा कि दो दशकों बाद प्रदेश को दूसरी रामसर साइट मिली है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिये निरंतर किये जा रहे प्रयासों में एक और कड़ी जुड़ गई है उन्होंने कहा कि सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर सभी मध्य प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई यह मध्य प्रदेश में भोजताल के बाद दूसरी रामसर साइट है यह दर्जा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जैव विविधता व पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का पारितोषिक है।
मंत्री डंग ने कहा कि साख्य सागर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर हम सभी गौरवान्वित हैं प्रदेश का भोपाल का बड़ा तालाब रामसर साइट के रूप में चिन्हित है अब यह संख्या बढ़ कर 2 हो गई है प्रदेश के 3 वेटलेण्ड इंदौर के सिरपुर वेटलेण्ड और यशवंत सागर तथा साख्य सागर को रामसर साइट के रूप में घोषित करने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था।
बता दें केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा रामसर संधि के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलेण्ड को रामसर साइट के रूप में तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और मिजोरम की 5 वेटलेण्ड को चिन्हित किया गया अब देश में रामसर साइट की संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई है रामसर साइट्स वैटलैंड्स है, जिनका अंतरराष्ट्रीय महत्व है किसी झील के रामसर साइट्स घोषित होने पर उसका संरक्षण को बढ़ावा दिया जाता है रामसर ईरान में स्थित वह स्थान है, जहां 1971 में अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि संधि पर हस्ताक्षर हुए थे।
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