कोलारस नगर परिषद में विकास नहीं घोटाला, जांच होनी चाहिए
नगर परिषद् का भी वही हाल है पिछले कई वर्षों से डीजल का पता नहीं कोई केसबुक नहीं है लाखों रुपए के फर्जी बिल लगाए जाते हैं लाखों रुपए की स्ट्रीट लाइट बेचकर एलईडी बल्ब बिजली के खंभों पर लगाए जा रहे हैं पूर्व में स्वीकृत सिंधु जल आवर्धन योजना का करोड़ों रुपया हिसाब पानी की टंकी गिरने का हिसाब भी नहीं है गुंजारी नदी के लिए बनाए गए घाटों का निर्माण का हिसाब नहीं है नगर परिषद में बनाई गई शासकीय दुकानों का कोई हिसाब नहीं है पिछले वर्षों में बनाई गई सड़कें नाली आज है ही नहीं कोई हिसाब नहीं है उन सड़कों के बीचों-बीच लगाए गए लाइटों के खंभे जोकि मौत को दुर्घटना देते हैं उनका कोई हिसाब नहीं है पिछले कई वर्षों से नगर परिषद द्वारा ठेका नीलामी स्थाई दखल बाजार बैठक का करोड़ों रुपए का कोई हिसाब नहीं है कोलारस नगर की मुख्य बाजार रोड से निकाली गई पत्थर का कोई हिसाब नहीं है नगर परिषद में लगाए हुए निजी कर्मचारियों का कोई लेखा-जोखा नहीं है जोकि परिषद के मुख्य कामकाज को रिश्वत द्वारा करते हैं और आगे प्रधानमंत्री द्वारा लागू योजना प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना मैं नगर परिषद कर्मचारी निजी कर्मचारियों को बंदरबांट लगाकर बांट दी गई करोड़ों रुपया का हेरफेर पिछले वर्षों में किया गया उसका कोई हिसाब नहीं है नगर परिषद द्वारा करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि को खुर्द बुर्ज करके निजी लोगों को एवं शासकीय भवन बनाकर निजी लोगों में बांट दी गई उनका कोई हिसाब नहीं है कोलारस नगर परिषद में पिछले कई वर्षों से विकास के नाम पर जनता के साथ धोखा किया गया है विकास केवल नगर परिषद अस्थाई कर्मचारियों का किया गया है जनता का नहीं जनता के साथ और कोलारस नगर के साथ केवल जनप्रतिनिधि द्वारा छल किया गया है-विनोद शर्मा यही सत्य हैं।
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