क्या केपी यादव को चुनाव जिताने की सजा भुगत रही है कोलारस की जनता, ग्राम पंचायत से भी कम ट्रेनों के स्टॉपेज विधानसभा मुख्यालय पर - Kolaras

कोलारस -   कोलारस शासन के आंकड़ों में विधानसभा मुख्यालय है किन्तु सुविधाओं के मामले में हम बात करें तो कोलारस की स्थिति ग्राम पंचायत से भी बदतर हालत में है यह हम नहीं बल्कि कोलारस के लोगो की जुबानी एवं आंकड़ें बताने के लिये कम नहीं है जिस क्षेत्र में हम बात करें उस क्षेत्र में कोलारस विकास के मामले में पंचायतों से भी भी गये बीते स्थिति में नजर आता है कोलारस विधानसभा के ग्राम पंचायत खतौरा में खेल का मैदान है विधानसभा मुख्यालय कोलारस में बाबाजी का ठुल्लू यह कोलारस विधानसभा का एक उदाहरण हमने पेश किया है ऐसे एक नहीं अनेक उदाहरण है जोकि कोलारस को ग्राम पंचायत से भी बदतर हालत में पहुंचाते है।

कोलारस विधानसभा मुख्यालय पर जहां कोरोना काल एवं लोकसभा चुनाव के पूर्व करीब आधा दर्जन ट्रेनों के स्टॉपेज हुआ करते थे वही आज की तारीक में कोलारस विधानसभा मुख्यालय पर पैसेंजर ट्रेनों को छोडकर एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं है कोलारस के लोग सुबह शाम के समय स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों की हबा खाने कहें या सकल देखने स्टेशन पर पहुंचते है इसी क्रम में ग्राम पंचायत म्याना एवं कोलारस सहायक तहसील बदरवास में कोलारस से ज्यादा ट्रेनों के स्टॉपेज है इसे हम लोगो की जागरूकता कहें या क्षेत्रिय नेताओं की पकड़ जिसके चलते कोलारस से कहीं ज्यादा ट्रेने इन छोटे स्टेशनों पर रूकती है इस संबंध में कोलारस के लोगो का कहना है कि जब से केपी यादव गुना से सांसद का चुनाव जीते है तब से केन्द्र से मिलने वाली सुविधाऐं शून्य स्थिति में जा पहुंची है इसे हम केपी यादव को चुनाव जिताने की क्षेत्रिय जनता पर भड़ास कहें या कुछ और केपी यादव को चुनाव जिताने के बाद कोलारस क्षेत्र की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है।

जब कोरोना काल के बाद अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों की संख्या से लेकर स्टॉपेज यथावत कर दिये गये फिर कोलारस के साथ भेद-भाव क्यों, यह सबाल कोलारस की जनता केन्द्र की सरकार से लेकर क्षेत्रिय सांसद से पूछती है क्या कोलारस के लोगो के भोलेपन के चलते कोलारस के लोगो के साथ भेद-भाव किया जा रहा है क्योंकि कोलारस के लोगो को व्यापार, शिक्षा, प्रशासनिक कार्याें से दूसरे स्थानों पर जाने के लिये स्वयं के बाहन अथवा तीन गुना अधिक किराया देकर बसों में यात्रा करनी पड़ती है इसी के चलते क्षेत्र के लोग केन्द्र सरकार से लेकर क्षेत्रिय सांसद से पूछना चाहते है कि आपको दुबारा लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना या गुना लोकसभा कांग्रेस को देना है तो यह भविष्य की बात है किन्तु कोलारस विधानसभा मुख्यालय को पूर्व की तरह यथावत ट्रेनों के स्टॉपेज अथवा ग्राम पंचायत एवं अन्य तहसीलों की तरह कोलारस विधानसभा मुख्यालय पर भी ट्रेनों के स्टॉपेज के लिये जनता के साथ आकर कम से कम रेल्वे के विरूद्ध आंदोलन करके कोलारस के लोगो को न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिये जनहित में। 



1 टिप्पणियाँ

  1. जनता तैयार है दुबारा धूल चटानै कौ नैताऔ कौ मलाई और जनता कौ परैशानी

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