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नव सम्वत्सर 2080 की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई - Kolaras

🚩 श्रीमते रामानुजाय नम:🚩

चैत्री बसंत नवरात्रि- चैत्र शुक्ल पक्ष १ बुधवारी तारीख २२.३.२०२३ ई. दिया ६।४४ से ९।४५ तक लाभ-अमृत वेला, दिवा ११।१५ से १२०० तक शुभ वेला में पूजन एवं घटस्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।

सभी जन सुखी एवं देश में  खुशहाली आएंगी  एवं नव योजना रोजगार प्राप्त होगे।

इस बर्ष बर्षा का उत्तम योग बारिष अच्छी  होगी। 
श्रावण मास के दोनो महीनो में  बारिष का योग हे भादो के महीने कम बर्षा होगी।

उत्तर दिशा के देशों  में  जंग हो सकती हे या अन्य कोई परेशान आएगी।

 नवरात्र (नानाशास्त्र - पुराणादि ) – ये चैत्र, आषाढ़, आश्विन ● और माघकी शुक्ल प्रतिपदासे नवमीतक नौ दिनके होते हैं, परंतु प्रसिद्धिमें चैत्र और आश्विनके नवरात्र ही मुख्य माने जाते हैं। इनमें भी देवीभक्त आश्विनके नवरात्र अधिक करते हैं। इनको यथाक्रम वासन्ती और शारदीय कहते हैं । इनका आरम्भ चैत्र और आश्विन शुक्ल प्रतिपदाको होता है। अतः यह प्रतिपदा 'सम्मुखी" शुभ होती है। नवरात्रों के आरम्भमें अमायुक्त प्रतिपदा अच्छी नहीं।

"आरम्भ में घटस्थापनके समय यदि चित्रा और वैधृतिरे हों तो उनका त्याग कर देना चाहिये; क्योंकि चित्रामें धनका और वैधृति पुत्रका नाश होता है । घटस्थापनका समय 'प्रातः काल '' है। अतः उस दिन चित्रा या वैधृति रात्रितक रहें (और रात्रिमें नवरात्रोंका स्थापन' या आरम्भ होता नहीं,) तो या तो वैधृत्यादिके आद्य रे तीन अंश त्यागकर चौथे अंशमें करे या मध्याह्नके समय (अभिजित् मुहूर्तमें) स्थापन करे । 

इस बर्ष नवरात्रि  बुधवार  को 
प्रारंभ हो रही हे 
अत: बुधवार  के दिन राहु काल होने के कारण  अभिजित  मुहूर्त  मान्य नही हे 

सुबह की अमृत वेला मे घटस्थापन  करे

स्मरण रहे कि देवीका आवाहन ', प्रवेशन, नित्यार्चन और विसर्जन- ये सब प्रातः कालमें शुभ होते हैं । अतः उचित समयका अनुपयोग न होने दे। स्त्री हो या पुरुष, सबको नवरात्र करना चाहिये । यदि कारणवश स्वयं न कर सकें तो प्रतिनिधि (पति-पत्नी, ज्येष्ठ पुत्र, सहोदर या ब्राह्मण) द्वारा करायें। नवरात्र नौ रात्रि पूर्ण होनेसे पूर्ण होता है। इसलिये यदि इतना समय न मिले या सामर्थ्य न हो तो सात, पाँच, तीन या एक दिन व्रत करे और व्रतमें भी उपवास, अयाचित, नक्त या एकभुक्त- जो बन सके यथासामर्थ्य वही कर ले। यदि नवरात्रों में घटस्थापन करनेके बाद सूतक हो जाय तो कोई दोष नहीं, परंतु पहले हो जाय तो पूजनादि स्वयं न करे। 

चैत्रके नवरात्रमें शक्तिकी उपासना तो प्रसिद्ध ही है; साथ ही शक्तिधरकी उपासना भी की जाती है। उदाहरणार्थ एक और देवीभागवत, कालिकापुराण, मार्कण्डेयपुराण, नवार्णमन्त्रके और दुर्गापाठकी शतसहस्रायुतचण्डी आदि होते हैं तो दूसरी और श्रीमद्भागवत, अध्यात्म-रामायण, वाल्मीकीय रामायण, तुलसीकृत रामायण, राममन्त्र-पुरश्चरण, एक-तीन पाँच-सात दिनकी या नवाह्निक अखण्ड रामनामध्वनि और रामलीला आदि किये जाते हैं। यही कारण हैं कि ये 'देवी-नवरात्र' और 'राम नवरात्र' नामोंसे प्रसिद्ध हैं। नवरात्रका प्रयोग प्रारम्भ करनेके पहले सुगन्धयुक्त तैलके उद्वर्तनादिसे मंगलस्नान करके नित्यकर्म करे और स्थिर शान्तिके पवित्र स्थानमें शुभ मृत्तिकाकी वेदी बनाये।

उसमें जौ और गेहूँ-इन दोनोंको मिलाकर बोये। वहीं सोने, चाँदी, ताँबे या मिट्टीके कलशको यथाविधि स्थापन करके गणेशादिका पूजन और पुण्याहवाचन करे और पीछे देवी (या देव) के समीप शुभासनपर पूर्व (या उत्तर) मुख बैठकर 'मम महामायाभगवती (वा मायाधिपति भगवत्) प्रीतये (आयुर्बलवित्तारोग्यसमादरादिप्राप्तये वा) नवरात्रव्रतमहं करिष्ये।' यह संकल्प करके मण्डलके मध्यमें रखे हुए कलशपर सोने, चाँदी, धातु, पाषाण, मृत्तिका या चित्रमय मूर्ति विराजमान करे और उसका आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, गन्ध, •अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, ताम्बूल, नीराजन, पुष्पांजलि, नमस्कार और प्रार्थना आदि उपचारोंसे पूजन करे। इसके बाद यदि सामर्थ्य हो तो नौ दिनतक नौ (और यदि सामर्थ्य न हो तो सात, पाँच, तीन या एक) कन्याओंको देवी मानकर उनको गन्ध-पुष्पादिसे अर्चित करके भोजन कराये और फिर आप भोजन करे। व्रतीको चाहिये कि उन दिनोंमें भूशयन, मिताहार, ब्रह्मचर्यका पालन, उदारता एवं उत्साहादिकी वृद्धि और क्रोध, लोभ, मोहादिका त्याग रखे। इस प्रकार नौ रात्रि व्यतीत होनेपर दसवें दिन प्रातः कालमें विसर्जन करे तो सब प्रकारके विपुल सुख-साधन सदैव प्रस्तुत रहते हैं और भगवान् (या भगवती) प्रसन्न होते


पं.नवल किशोर भार्गव 
मो.नं.9981068449

पं.श्रीधर्मेद्र शास्त्री
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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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