पितृ अमावस्या के साथ 16 दिवसीय कनागत रविवार को होंगे पूर्ण, सोमवार से नवरात्रि महोत्सव प्रारम्भ, भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखने से सूतक का प्रभाव नही होगा - Kolaras

कोलारस - पितृपक्ष यानी कि कनागत इस बार 16 के स्थान पर 15 दोनों में पितृ अमावस्या के साथ रविवार को पूर्ण होंगे रविवार को पितरों को पानी देने वाले लोग जलाशयो में पहुंचकर पितरों के नाम जल तर्पण के साथ डाव का भी विसर्जन करेंगे जो लोग पितृपक्ष के 16 दिनों तक पानी या ब्राह्मण को भोजन नहीं कर सके या जिन लोगों को पूर्वजों की तिथि याद नहीं थी वह लोग भी पितरों को भोग लगाने के साथ ब्राह्मण भोज करने की परंपरा का निर्वाहन करेंगे अमावस्या के साथ 16 दिवसीय पितृ पक्ष कनागत का समापन भी रविवार को होगा इसी दिन 21 सितंबर को विश्व के अन्य देशों में सूर्य ग्रहण देखा जाएगा किंतु भारत में सूर्य ग्रहण नहीं देखने के कारण सूर्य ग्रहण से पूर्व लगने वाला सूतक भी भारत में पंचांग के अनुसार मान्य नहीं होगा अगले दिन सोमवार को 9 दिवसीय मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा प्रारंभ घट स्थापना के साथ होगी नवरात्रि के अवसर पर मंदिरों से लेकर घरों में घट स्थापना, अखंड ज्योति, वृत उपवास के साथ नौ दिनों तक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं इस बार नवरात्रि का पर्व नौ के स्थान पर दस दिन तक मनाया जाएगा क्योंकि एक तिथि दो दिन पढ़ने के कारण इस बार नवरात्रि महोत्सव 22 सितंबर से प्रारम्भ होकर एक अक्टूबर तक रहेगा दो अक्टूबर को दशहरा पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाएगा।

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