प्रदेश के खाद का कोटा पहुंचा बिहार तो किसानों को होना पडे़गा विधानसभा चुनाव तक परेशान, मंगलवार को खाद गोदाम से लेकर रोड़ जाम करने को मजबूर हुये कोलारस क्षेत्र के किसान - Kolaras

 


कोलारस - राजनैतिक लोगो से लेकर किसान भली भांति समझ चुके है की चुनावों के दौरान प्रत्येक प्रदेश के किसानों को सरकार अपनी ओर बोट डालने एवं आकर्षित करने के लिये केन्द्र प्रदेश सरकार भरपूर मात्रा में खाद की सप्लाई करती है इसका उदाहरण प्रदेश के विधानसभा एवं लोकसभा के चुनावों में मध्यप्रदेश में खाद की भरपूर सप्लाई मिलती रही वर्तमान में बिहार में विधानसभा के चुनाव चल रहे है लोगो का मानना है कि मध्यप्रदेश के खाद का कोटा बिहार में भेज दिये जाने के कारण समूचे प्रदेश के किसान खाद के लिये परेषान हो रहे है जबकि बिहार से खाद की कमी की किसी प्रकार की खबर सामने नहीं आ रही है यदि लोगो का तर्क सही है तो क्या 2026 एवं 2027 यानि की दो वर्ष मध्यप्रदेश में चुनाव नहीं होना है तो किसानों को वर्तमान 2025 की तरह आने वाले दो वर्ष और खाद की परेषानी का झेलनी पडेगी और 2028 एवं 2029 में चुनाव के दौरान लोगो को खाद की समस्या से मध्यप्रदेश की जनता का राहत मिलेगी इस तरह की चर्चाऐं किसानों से लेकर कांग्रेस के लोग प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार पर खुलेआम लगा रहे है।



मंगलवार को खाद की समस्या से परेशान कोलारस क्षेत्र के किसान डीएपी एवं यूरिया खाद के कूपन मिलने तथा खाद को लेकर जब कोलारस के अनाज मंडी स्थित खाद गोदाम पर पहुंचे तो वहां किसानों को खाद उपलब्ध न होने की जानकारी मिली कुछ किसान पूराने कूपन लेकर खाद गोदाम पर खाद के लिये लाईन में लगे रहे किन्तु खाद गोदाम पर डीएपी एवं यूरिया खाद उपलब्ध न होने की जानकारी दी गई जिससे आक्रोषित होकर कोलारस क्षेत्र के किसान पुरानी एवी रोड़ गल्ला मंडी के सामने आकर मुख्य मार्ग को बांधित यानि की जाम कर दिया जिसकी खबर मिलने पर कोलारस प्रशासनिक अमला कोलारस अनाज मंडी के सामने मुख्य मार्ग पर मौजूद किसानों को जैसे तैसे मनाकर किसानों को रोड़ से हटाने में कामयाव हुआ ओर किसानों को आश्‍वासन दिया कि जल्द ही डीएपी एवं यूरिया खाद उपलब्ध होते ही किसानों को खाद के कूपन देकर नम्बर से किसानों को डीएपी एवं यूरिया खाद का वितरण प्रशासन अपने आंखो के सामने करवायेगा जब तक डीएपी के अन्य विकल्प एनपीके एवं अन्य रासायनिक खाद किसानों से सफल की बोनी के हिसाब से खरीदने के सुझाव किसानों को प्रशासनिक अधिकारियों ने दिये।

मंगलवार को कोलारस मंडी में क्षेत्रीय किसान मुख्यता डीएपी खाद एवं कई समस्याओं से परेशान होकर अपना आपा खोते दिखाई दिये बता दे कि इस समय किसान भाई कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं प्रकृति असमय हो रही वारिश के साथ खाद की किल्लत, फसलों की सफल का कम भाव से किसान बेहद परेशान एवं दूखी हैं जिसका एक छोटासा नजारा विगत दिवस सोमवार एवं आज मंगलवार को कोलारस मंडी में एवं उसके बाहर सड़क पर दिखाई दिया।

खाद की किल्लत से परेशान किसान 

मारपीट और धक्का-मुक्की सितंबर 2025 में कोलारस मंडी के खाद वितरण केंद्र पर 1000 बोरी खाद के लिए 650 से अधिक किसान आपस में भिड़ गए इस दौरान मारपीट और धक्का-मुक्की हुई, जिससे कई किसानों के कपड़े फट गए।

लंबी कतारें और विरोध मई और अगस्त 2025 में किसानों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा फिर भी खाद नहीं मिल सका अगस्त में - टोकन लेने के बावजूद भी खाद न मिलने पर किसानों ने हंगामा किया लेकिन हंगामें के बाद भी प्रशासन एवं सरकार के कानों तक अबाज नहीं पहुंची कुछ लोगों ने खाद की कालाबाजारी का भी विरोध किया लेकिन सरकार एवं प्रषासन पर कोई असर नहीं हुआ एक ओर प्रशासन के अधिकारी सरकार व सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों के ईशारे पर जिले में खाद की कमी को नजर अंदाज करते हुये खाद की आवश्‍यकता को पूर्ण बता रहे है तथा खाद प्रर्याप्त बताने का कार्य कागजों भी किया जा रहा है जबकि धरातल पर खाद की किल्लत से किसान परेशान है वह ओने पोने भाव में भी खाद लेने को तैयार है परन्तु खाद नहीं मिल रहा है इस बीच किसानों को आरोपी है कि सत्ताधारी सरकार प्रदेश के किसानों को मिलने वाले खाद को बिहान चुनाव में बोट प्राप्त करने के लिये लालच के रूप में उपयोग करने के लिये भेज रही है इस कारण हम खाद के लिये परेशान है।  

सूखी फसलें यूरिया की कमी के कारण अगस्त 2025 में कई किसानों को अपनी खड़ी फसलें नष्ट करनी पड़ीं क्योंकि वे सूख रही थीं।

किसानों की फसल का मंडी में सही दाम न मिलना, कम भाव

बता दे कि शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी के प्रकोप एवं अत्याधिक वर्षा के चलते वारिश की सफल पूर्ण तरीके से नष्ट हो गई था बची खुची मक्का की सफल के भी सही से दाम न मिलना किसानों के लिये मक्का के कम दाम अक्टूबर 2025 में कम भाव मिलने से नाराज किसानों ने कोलारस अनाज मंडी में सरकार के प्रति अपना आक्रोष दिखाते हुये पहले नारेवाजी की तथा जिसके बाद बाहर आकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम किया।

हड़ताल अक्टूबर 2025 में ही, कम दाम के विरोध में किसानों ने सड़क पर बैठकर हड़ताल भी की

बाजार मूल्य अक्टूबर 2025 में मक्के का औसत भाव ₹1565 प्रति क्विंटल था लेकिन मंडी में 1000 से लेकर 1500रू के बीच में ही मक्का के भाव लगाये जा रहे थे।

बेमौसम बरसात और नुकसान

फसलों की बर्बादी अक्टूबर 2025 में बेमौसम बारिश से कोलारस में मक्का की फसल को 60 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ।

बाढ़ से नुकसानर अगस्त 2025 में सिंध नदी में आई बाढ़ और लगातार बारिश से भी फसलें खराब हो गईं बाढ़ प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा भी नहीं मिल पाया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई इन सब समस्याओं को लेकर किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।


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