बिहार चुनाव में वोटरों को 10 हजार देने का फार्मूला 2027 के यूपी एवं 2028 एमपी के चुनावों में भी देखने को मिल सकता है - Shivpuri



शिवपुरी - वर्ष 2025 की विदाई में करीब 35 दिन शेष बचे है 35 दिन के उपरांत अंग्रेजी कलेेंडर के अनुसार वर्ष 2026 प्रारम्भ हो जायेगा और 2026 के प्रारम्भ होते ही उत्तर प्रदेश के चुनावों की तैयारी भी निर्वाचन आयोग से लेकर सभी दल भी प्रारम्भ कर देंगे उत्तर प्रदेश चुनाव भाजपा सरकार के लिये एक सेमी फाइनल की तरह होगा क्योंकि देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है ऐसा माना जाता है कि केन्द्र की सरकार बनाने में उत्तर प्रदेष अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इसी प्रदेश से 80 सांसद निर्वाचित होते है और केन्द्र में बहुमत की सरकार बनाने के लिये उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होती है राजनैतिक दलों से लेकर सरकार की एजेंसिया बिहार चुनाव की समाप्ति के साथ ही उत्तर प्रदेश उसके बाद पंजाब तथा मध्यप्रदेश में किसकी सरकार बन सकती है इसको लेकर लोगो की राय लेने के लिये तैयारियां प्रारम्भ भी हो चुकी है।

दिसम्बर माह निकलते ही वर्ष 2026 प्रारम्भ हो जायेगा उसकी के साथ उत्तर प्रदेष से भी चुनाव की तैयारियां भी सुनाई देने लगेंगी सरकारी एवं राजनैतिक दलों के द्वारा सरकार बनाने के सर्वे रिपोर्ट आने के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी पुनः लगातार तीसरी बार योगी की सरकार बनाने के लिये भाजपा अपनी कमर कस लेंगी यदि सर्वे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ सर्वे यानि की जनता की राय आती है तो बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी बोटरों को अपनी ओर खिचने के लिये प्रदेश सरकार महिलाओं को 5-10 हजार रूपये भी खातों में डाल सकती है महिलाओं को लाड़ली बहना या अन्य नामों से जिन राज्यों में राशि सरकार द्वारा डाली गई वहां वर्तमान सरकार पुनः जीतने में कामयाव हुई है उत्तर प्रदेश चुनावों के उपरांत मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी भी प्रारम्भ हो जायेगी और बिहार की तरह मध्यप्रदेश में भी प्रदेश की सरकार 3-5 हजार तक लाड़ली बहना के नाम पर महिलाओं के खाते में राषि भेज सकती है सरकार बनाने के लिये भले ही प्रदेश की सरकारें महिलाओं अथवा किसान सम्मान निधि के नाम पर लोगो को डारेक्ट फण्ड ट्रांसफर कर लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर पुनः सरकार बनाने में कामयाव तो हो रहे है किन्तु यह योजनाऐं देश के बजट एवं लोगो के काम करने की प्रक्रिया को बर्वाद करने का कार्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है जिस पर निर्वाचन आयोग से लेकर जनता एवं न्यायालयों को दखल देना चाहिये। 


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