पवित्र भारतभूमि की वंदना और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है वंदे मातरम: अवस्थी
रिपोर्ट दिनेश झा बदरवास - भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बदरवास के शासकीय कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस अवसर पर छात्राओं को वंदे मातरम् गीत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व और देशभक्ति की भावना से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में शिक्षक,शिक्षिकाओं और छात्राओं द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया गया वंदे मातरम और भारत माता की जय के उदघोष से पूरा परिसर देशभक्ति की भावना से गूंज उठा।
छात्राओं को वंदे मातरम का महत्व बताते हुए शिक्षक गोविन्द अवस्थी ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं बल्कि हमारे राष्ट्र और स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा रहा है बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 में रचित यह गीत देशभक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और आज भी यह हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है इस गीत से भारतीयों और आजादी के परवानों में कई गुना जोश और राष्ट्रभक्ति का ज्वार हिलोरें लेने लगता था अवस्थी ने कहा कि भारत भूमि हमारे लिए केवल जमीन का टुकड़ा नहीं अपितु ये पवित्र भूमि हमारी माता है और इसी भारतभूमि की भारतमाता के रूप में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने वंदे मातरम में वंदना की है।
कार्यक्रम में प्राचार्य चंद्रवीरसिंह सेंगर, चंद्रभान श्रीवास्तव, ममता श्रीवास्तव, बसंती मिंज, विनीता कुशवाह,उदयसिंह रावत, डॉ ममता यादव, शशि गुप्ता, राजेश मिश्रा, शैलेंद्र भदौरिया, कनक कुशवाह, हरवीर यादव,निर्मला शर्मा, दलवीर सिंह, हितेंद्र कुशवाह, नावेद अली, नीलेश रघुवंशी सहित सैकड़ों की संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।
