बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए दोनों चरणों का मतदान आज शाम खत्म हो गया। 243 सीटों पर इस बार दोनों ही चरणों में बंपर मतदान हुआ है मतदान के बाद अधिकतर एग्जिट पोल्स ने बिहार में एनडीए की फिर से सरकार बनने का अनुमान जताया है 14 नवंबर को आने वाले नतीजों में अगर यह एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो यह साफ हो जाएगा कि महिलाएं इस चुनाव में अहम फैक्टर साबित हुई हैं।
बंपर वोटिंग हो सकता है पहला कारण?
पहले और दूसरे चरण में बिहार विधानसभा के अब तक के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई है। 6 नवंबर को पहले चरण के तहत 121 सीटों पर 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। वहीं, 11 नवंबर को दूसरे चरण की 122 सीटों पर शाम पांच बजे तक 68 फीसदी से ज्यादा मतदान हो चुका था। इसके बाद से यह माना जा रहा है कि नतीजे जिस भी गठबंधन के पक्ष में रहेंगे, वो एकतरफा रह सकते हैं।
महिलाओं को 10 हजार रुपये की राशि का असर?
महिला वोटर नीतीश कुमार के लिए हमेशा महत्वपूर्ण फैक्टर रही हैं। पिछले कार्यकालों में नीतीश कुमार की महिला हितैषी नीतियों ने उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी पर आसीन होने में मदद की है। इस बार भी नीतीश कुमार ने महिला वोटरों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत नीतीश कुमार ने बिहार की लाखों महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी है। आज आए एग्जिट पोल्स अगर सही साबित होते हैं तो यह माना जाएगा कि नीतीश कुमार महिला वोटरों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में सफल रहे। हालांकि तेजस्वी यादव ने भी एक मुश्त रकम देने का वादा किया है।
नीतीश के चेहरे पर मुहर?
जब चुनाव ने जोर पकड़ा तो महागठबंधन इस बात को लेकर मुखर था कि क्या एनडीए नीतीश कुमार के नाम ही मुहर लगाएगा? जब महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों पर तालमेल तय हुआ तो इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह एलान कर दिया कि सरकार बनने की स्थिति में तेजस्वी ही मुख्यमंत्री होंगे। इसके बाद महागठबंधन ने नीतीश कुमार की एनडीए के अंदर स्थिति को लेकर और आक्रामकता के साथ सवाल उठाने शुरू कर दिए। हालांकि, पहले चरण की वोटिंग नजदीक आते-आते एनडीए के बड़े नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सत्ता कायम रहने की स्थिति में नीतीश कुमार ही विधायक दल के नेता चुने जाएंगे और वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे। एग्जिट पोल्स के अनुमान अगर सही साबित होते हैं तो नीतीश कुमार के नेतृत्व पर एक बार फिर मुहर लगेगी।
तेजस्वी के वादों से ज्यादा नीतीश की योजनाओं पर भरोसा?
नीतीश कुमार को टक्कर देने के लिए तेजस्वी यादव ने भी इस बार लोक-लुभावन वादे किए। नीतीश कुमार की योजना की काट में तेजस्वी ने महिला वोटरों को रिझाने के लिए जीविका दीदियों की सैलरी 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार करने का एलान किया था। इसके साथ ही जीविका दीदी के सभी कैडर का पांच लाख का बीमा, संविदा कर्मियों को स्थायी करने का वादा, इसके अलावा MAA योजना लॉन्च (M-मकान, A- अन्न, A- आमदनी) करने का एलान किया था। आज आए एग्जिट पोल अगर सही साबित हुए तो एक बात साफ हो जाएगी कि महिलाओं ने तेजस्वी के वादों से अधिक भरोसा नीतीश कुमार की योजनाओं पर दिखाया।
जनसुराज बेअसर?
प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज 200 से ज्यादा सीटों पर चुनाव में उतरी। हालांकि, किसी भी सर्वे एजेंसी के अनुमान में उनकी पार्टी ने दहाई का आंकड़ा नहीं छुआ। अगर नतीजे इसी तरह रहते हैं तो यह माना जा सकता है कि अपने पहले चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी बेअसर रही। हालांकि, उनकी पार्टी को कितने वोट प्रतिशत मिलते हैं और वह किन सीटों पर किस गठबंधन को नुकसान पहुंचाती है, यह नतीजों के दिन स्पष्ट होगा।