कोलारस - शुक्रवार को वन विभाग शिवपुरी द्वारा करैरा विधानसभा क्षेत्र में सबरेंज अमोला-उत्तर की बीट बांसगढ़ के कक्ष क्रमांक आर.एफ.444 एवं आर.एफ.445 में (बरुआ नाला) अतिक्रमणकर्ता की खडी सरसों की फसल को मशीनों से उजाडकर वन विभाग अपने आपको प्रेस नोट जारी कर बहुत बड़ा दिखाने का प्रयास कर रहा है जिस समय करैरा क्षेत्र में भू-माफियों ने 300 वीघा वन भूमि पर कब्जा कर फसल की बोनी की थी उस समय वन अमला सो रहा था या फिर पैसों लेकर आंखें बंद किये हुये था जिसके चलते करैरा रेंज में अतिक्रमण कारियों ने वन भूमि पर कब्जा कर काफी लम्बे समय से खेती करते चले आ रहे थे एक ओर प्रशासन फसल बोनी के बाद सीमांकन नहीं करता और हरे वृक्षो को काटने की अनुमति नहीं देता फिर वन विभाग भले ही अतिक्रमण की भूमि में ही सही खड़ी फसल को वर्बाद किन नियमों के तहत करता है इसके विरोध में समाज सेवी संस्थाओं को खड़ी फसल वर्बाद करने वाले वन अमले के विरोध में न्यायालय में जनहित याचिका अवश्य दायर करनी चाहिये।
कोलारस परगने के अंतर्गत दो तहसील कोलारस एवं बदरवास शामिल है यदि दोनो तहसीलों में देखा जाये तो रिजर्व फोरेस्ट की करीब 30 हजार वीघा से अधिक भूमि को अतिक्रमण कारियों ने पेड़ों को काटकर वन भूमि पर खेती कर रहे है किन्तु जिले के वन अमले को कोलारस परगने में वन भूमि पर कब्जा दिखाई नहीं देता उसके एक नहीं वल्की कई कारण है जिनमें वन अधिकारियों का वन भूमि पर काविज माफियाओं से बटिया का सौदा, वन भूमि पर काविज माफियाओं की नेताओं से सांठगांठ, छोटे भाईया माफियाओं द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों को प्रत्येक फसल में से हिस्सा देना ऐसे ही और भी कई कारण है जिनके चलते जिले के वन विभाग के अधिकारियों को कोलारस क्षेत्र में 30 हजार वीघा से भी अधिक वन भूमि जिस पर भू-माफियाओं का कब्जा कर खेती की जा रही है वह दिखाई नहीं दे रही जबकि जिले के करैरा में 300 वीघा भूमि पर खड़ी हरी फसल उजाडकर वन विभाग स्वयं को दोशी मानने की जगह अपनी पीठ थप-थपा रहा है।
अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई 300 बीघा वन भूमि
वन विभाग द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के विरूद्ध एक बड़ी और निर्णायक कार्यवाही की गई इस संयुक्त अभियान में सामान्य वनमण्डल शिवपुरी के अन्तर्गत वन परिक्षेत्र करैरा की सबरेंज अमोला-उत्तर की बीट बांसगढ़ के कक्ष क्रमांक आर.एफ.444 एवं आर.एफ.445 में (बरुआ नाला) अतिक्रमणकर्ता सूवेलाल ठाकुर, चतुर ठाकुर, देवेंद्र ठाकुर, चन्दू ठाकुर, भाव सिंह, राजेन्द्र सिंह गुर्जर निवासी सिलानगर, रामा कुशवाहा निवासी बांसगढ़, बृजभान ठाकुर, बल्लू निवासी सोन्हर, जगदीश सिंह ठाकुर निवासी आमोलपठा एवं इनके अन्य साथीगण द्वारा 300 बीघा वनभूमि पर अतिक्रमण कर, कब्जा किए हुए थे।
वर्तमान में उक्त अतिक्रमित वन भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा खेती की जा रही थी, जिसके संबंध में शिकायतें वन विभाग को निरंतर प्राप्त हो रहीं थीं उक्त अतिक्रमण को संज्ञान में लेते हुए अतिक्रमण निरोधी मुहिम के तहत विधिवत वैधानिक कार्यवाही कर, अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध बेदखली आदेश जारी किए गए उक्त अतिक्रमण को मुक्त कराने की कार्यवाही सुधांशु यादव वनमण्डलाधिकारी शिवपुरी के निर्देशन में तथा आदित्य शांडिल्य उप वनमण्डलाधिकारी करैरा के नेतृत्व में की गई।
उक्त कार्यवाही के दौरान लक्ष्मण सिंह मीणा, गोपाल सिंह जाटव, ऋषभ बिसारिया उपस्थित रहे एवं वन मण्डल स्तर का लगभग 100 से अधिक क्षेत्रीय वन अमले, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के संयुक्त दल बल की सहायता से 12 जे.सी.बी. मशीनों एवं 03 ट्रैक्टर मय कल्टीवेटरों द्वारा उक्त वन भूमि पर खड़ी फसल को नष्ट कर, अतिक्रमित वन भूमि को मुक्त कराया एवं मौके पर कंटूर ट्रेंच खुदवाई गईं।
भविष्य में उक्त स्थल को वृक्षारोपण कर, वन आच्छादित किया जाएगा वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि की सुरक्षा सर्वाेच्च प्राथमिकता है और भविष्य में भी इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जारी रहेगी आम नागरिकों से अपील की गई है कि, यदि उन्हे वन भूमि से संबंधित किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरन्त वन विभाग को सूचित करें।

