भारत के बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले में एक नया मोड़ आया है लंदन की एक अदालत ने नीरव मोदी से जुड़े बैंक ऑफ इंडिया के केस की सुनवाई को टाल दिया है अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नीरव मोदी भारत कब आएगा और यह नई देरी किस ओर इशारा कर रही है? आइए आसान शब्दों में समझते हैं कि लंदन की कोर्ट में क्या हुआ और इसके क्या मायने हैं।
क्यों टली सुनवाई: जेल ट्रांसफर और कागज मिलने में देरी से फंसा पेंच
लंदन की अदालत में हुई ताजा सुनवाई का मुख्य मुद्दा 'निष्पक्षता' रहा नीरव मोदी ने अदालत में दलील दी कि उन्हें अपना बचाव करने के लिए जरूरी कानूनी दस्तावेज समय पर नहीं मिल पाए इसकी वजह अक्तूबर में हुआ उनका जेल ट्रांसफर है नीरव को दक्षिण लंदन की 'थेम्साइड जेल' से उत्तरी लंदन की 'एचएमपी पेंटनविले जेल' में शिफ्ट किया गया था, लेकिन इस दौरान जेल अधिकारियों की लापरवाही से उनके केस से जुड़े कागज उन तक नहीं पहुंचे।
जज साइमन टिंकलर ने इस दलील को वजनदार माना उनका कहना था कि अगर आरोपी के पास अपनी बेगुनाही साबित करने या बचाव तैयार करने के लिए कागज ही नहीं हैं, तो उस पर मुकदमा चलाना 'फेयर ट्रायल' (निष्पक्ष सुनवाई) नहीं होगा नतीजतन, जो सुनवाई जनवरी में शुरू होनी थी, उसे अब 23 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है।
क्या है बैंक ऑफ इंडिया का 67 करोड़ का मामला?
अक्सर लोग इसे पीएनबी घोटाले से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह मामला थोड़ा अलग है बैंक ऑफ इंडिया नीरव मोदी से अपने 8 मिलियन डॉलर (करीब 67 करोड़ रुपये) के बकाया कर्ज की वसूली के लिए यह लड़ाई लड़ रहा है बैंक की चिंता यह है कि अगर नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया या किसी और देश भेज दिया गया, तो उनके पैसे डूब सकते हैं। बैंक चाहता था कि फैसला जल्द हो, लेकिन अदालत के ताजा रुख ने उन्हें मार्च तक इंतजार करने पर मजबूर कर दिया है।
तंग कोठरी और नीरव की नई कानूनी चाल
फिलहाल नीरव मोदी इस मामले में वकील नहीं, बल्कि खुद अपनी पैरवी कर रहे हैं उनका दावा है कि वे जेल की एक तंग कोठरी में बंद हैं, जहां उन्हें अपनी गोद में रखकर कानूनी काम करना पड़ रहा है लेकिन असली खबर उनके वकील जेम्स किनमैन के बयान में छिपी है वकील ने इशारा किया कि एक 'गोपनीय प्रक्रिया' चल रही है- जो संभवतः शरण या मानवाधिकारों से जुड़ी अर्जी हो सकती है वकील ने साफ कहा कि अक्तूबर 2026 से पहले नीरव मोदी को भारत भेजे जाने की संभावना न के बराबर है।