स्कूल स्तर से ही गीता का अध्ययन करना चाहिए - जितेन्द्रीय दास
शिवपुरी - भगवत गीता के सात सौ श्लोक हैं जो हमारे जीवन को बदल देते हैं विद्यार्थियों को स्कूल स्तर से ही गीता का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे जीवन जीने की कला सीख सकेंगे उक्त विचार गीता जयंती के अवसर पर दून पब्लिक स्कूल शिवपुरी में आयोजित समारोह में इस्कॉन के प्रभु जी जीतेन्द्रीय दास ने अपने उद्बोधन में कही आपने विद्यार्थियों को सफलता के पाँच सूत्र बताए - माइंड इज योर मांइड, डोन्ट कम्पेयर विद अदर,डोन्ट रन अवे ,पार्टीसिपेट वी बेस्ट वर्जन ऑफ योर सेल्फ, फेथ इन गॉड।
आपने कहा हमें हमेशा सीखते रहने की प्रक्रिया में बने रहना चाहिए कर्म करते रहो फल उसके अनुरूप ही मिलेगा कार्यक्रम के आरंभ में दून पब्लिक स्कूल के संचालक शाहिद खान ने इस्कॉन के प्रचारक रसराज राधाकृष्ण दास प्रभु जी, जितेन्द्रीय दास प्रभुजी एवं आशुतोष प्रभुजी को फूल भेंट कर अभिनन्दन किया स्वागत भाषण अखलाक खान ने दिया।
श्लोक प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
मोहिनी तोमर, आरान्या रद्युवंशी,यशस्वी भारद्वाज,नीश्ता चौहान,राज नन्दिनी भार्गव,रिशिका शर्मा सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने गीता के श्लोक एवं उसका भावार्थ प्रस्तुत कर दर्शकों को अभिभूत कर दिया विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
इस्कॉन शिवपुरी की ओर से स्कूल प्रबंधन को भगवत गीता की प्रतियां भेंट की गई। प्राचार्य अभिषेक शर्मा ने स्मृति चिन्ह देकर इस्कॉन के अतिथिगण का अभिनन्दन किया।

