शिवपुरी - कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रवीन्द्र कुमार चौधरी द्वारा आगामी पंचायतों के उप निर्वाचन 2025 के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार क्षेत्र में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुचारू रूप से संपन्न करने और निर्वाचन प्रक्रिया में शांति व कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से म.प्र.संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्व साधारण को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
जारी आदेश के तहत निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी निजी भवनों पर भी भवन स्वामी की लिखित सहमति एवं ग्राम पंचायत की अनापत्ति प्राप्त करने के उपरांत ही झंडे, पोस्टर, बैनर, वॉल-राइटिंग व अस्थायी फ्लेक्स बोर्ड भवन स्वामी की दीवार पर लगा सकते हैं। इसके लिये आवश्यक होगा कि प्रत्याशी को तीन दिवस के अंदर एनओसी जारी करने हेतु ली गई राशि की रसीद, भवन स्वामी के द्वारा लिये जाने वाले किराये की रसीद, बैनर / पोस्टर / फ्लैक्स बोर्ड / लिखावट पर किये गये व्यय की रसीद व संलग्न प्रोफार्मा रिटर्निंग ऑफिसर को भवनवार प्रस्तुत करना होगा।
उक्त झंडे, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड पर ऐसा कुछ नहीं लिखा जाये जिससे कि विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होकर लोक न्यूसेंस की संभावना उत्पन्न हो। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों द्वारा किसी भी शासकीय सम्पत्ति पर विज्ञापन आदि लगाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों द्वारा अशासकीय सम्पत्ति को संबंधित भवन स्वामी की अनुमति के बिना विरूपित किया जाता है तो संबंधित विभाग एवं भवन स्वामी के द्वारा संपत्ति विरूपण बाबत् थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं म.प्र. सम्पति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 अंतर्गत दर्ज करायी जाए।
इसी प्रकार शासकीय विरूपित सम्पत्ति को पुनः मूल स्वरूप में लाने हेतु जिला अंतर्गत सभी नगर पालिका क्षेत्र एवं सभी जनपद क्षेत्र अंतर्गत जांच अधिकारियों का दल् भी गठित किया गया है। इस दल के अंतर्गत संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), सीईओ जनपद पंचायत + 4 कर्मचारी, संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारी + 4 कर्मचारी + 1 वाहन, बी.एस.एन. एल के क्षेत्रीय एसडीओ, म.प्र.वि.वि.कं. के क्षेत्रीय सहायक यंत्री, पीडब्ल्यूडी के सहायक यंत्री/ उपयंत्री + गैंग के 4 कर्मचारी, आरईएस का उपयंत्री + 4 कर्मचारी, क्षेत्रीय थाना प्रभारी एवं संबंधित ग्राम पंचायत सचिव तथा संबंधित पटवारी रहेंगे।
उक्तानुसार गठित दल तत्काल अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर अधिनियम अनुसार कार्यवाही प्रारंभ करें। संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी उपरोक्तानुसार कार्यवाही हेतु पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। संपति को मूल स्वरूप में लाने हेतु व्यय की वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में की जाए। साथ ही संबंधित पुलिस थाने में संबंधित विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज करायी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने हेतु व्यय की प्रतिपूर्ति पंचायत सचिव द्वारा पंचायत निधि की राशि से की जायेगी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सम्पत्ति विरूपण निवारण हेतु मूल दायित्व थाना प्रभारी, पटवारी, पंचायत सचिव का होगा।
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