नई दिल्ली- रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के होने वाले दामाद एक नया बिजनेस शुरु करने जा रहे हैं। उनके बिजनेस के साथ जुड़कर आम आदमी हर महीने 20 हजार रुपए तक की कमाई कर सकता है। इतना ही नहीं, यह बिजनेस लोगों की भलाई से भी जुड़ा हुआ है।बताते चलें कि मुकेश अंबानी ने हाल ही में बेटी ईशा की शादी पिरामल ग्रुप के मालिक अजय पिरामल के बेटे आनंद पिरामल के साथ तय की है। पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहे आनंद ने हाल ही में अपना नया व्यवसाय शुरू किया है। इस व्यवसाय में आनंद पिरामल देश के आम लोगों को भी काम करने का मौका दे रहे हैं।इस बिजनेस से जुड़कर आम लोग 20 हजार रुपए प्रति महीना कमा सकते हैं। बताते चलें कि इस बिजनेस के तहत वह देशभर में वॉटर एटीएम लगाने वाले हैं। सीधी भाषा में कहें, तो इसके जरिये साफ पीने योग्य पानी मिलेगा।यदि आप भी आनंद पिरामल के साथ काम करने के इच्छुक हैं तो आवेदन कर सकते हैं। इस वॉटर एटीएम से एक लीटर से 20 लीटर तक पीने का साफ पानी खरीदा जा सकता है। इसकी कीमतें अलग-अलग हैं। मगर, इसके लिए आपको वॉटर एटीएम की फ्रेंचाइजी लेनी होगी। इस वॉटर एटीएम से जितना पानी बिकेगा, उसी के हिसाब से आपको हर महीने कमाई होगी।
कम हो रही है जल की उपलब्धता केंद्रीय जल संसधान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी में से 18 प्रतिशत भारत में रहती है। हालांकि, देश में महज चार प्रतिशत जल संसाधन हैं। सरकारी आंकड़ों से साफ है कि बीते एक दशक के दौरान देश में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता तेजी से घटी है। वर्ष 1947 में देश की आजादी के समय जहां यह 6 घनमीटर प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता थी, जो वर्ष 2011 में यह घट कर 1.5 घनमीटर रह गई है। नदियों में छोड़ा जाने वाला 90 फीसद पानी पर्यावरण के मानदंडों पर खरा नहीं होता। इसी तरह बारिश का 65 फीसद पानी समुद्र में चला जाता है।
दांतों और हड्डियों की बीमारी- देश में जल संकट गंभीर है और कई राज्यों के भूमिगत जल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की मौजूदगी से समस्या जटिल हो गई है। राज्यसभा में हाल ही में पेश किया गए सरकारी आंकड़े के अनुसार, 17 राज्यों के 14 हजार गांवों व शहरों में पीने के पानी के स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, जिससे 1.14 करोड़ लोग प्रभावित हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, लगातार अधिक फ्लोराइड वाला पानी पीने से लोगों को दांतों और हड्डियों की बीमारियां होने का खतरा है। पानी में अधिक फ्लोराइड मिले होने के मामले में राजस्थान पहले, बिहार दूसरे, कर्नाटक तीसरे और पश्चिम बंगाल चौथे स्थान पर है।