
मठ-मंदिरों, घरों व धार्मिक संस्थानों में रविवार व सोमवार दोनों दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है। मंदिरों में भजन कीर्तन की गूंज।इस्कॉन मंदिर, रूप गौड़ीय मठ, गीता निकेतन, मठ बाघम्बरी गद्दी, अलोपीबाग शंकराचार्य आश्रम, शनिधाम अतरसुइया, कटरा रामलीला कमेटी, पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से जन्मोत्सव स्थल को बिजली और फूलों के आकर्षक झालरों से सजाया गया है। कहीं पर तीन तो कहीं पर छह दिनी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन शुरू हुआ।अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम, मठ बाघम्बरी गद्दी, श्री शनि परिवार सेवा समिति, पथरचट्टी रामलीला कमेटी, कटरा रामलीला कमेटी की ओर से रविवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोसव मनाया गया। मध्य रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सभी स्थानों पर माखन चोर की जय, वृंदावन बिहारी लाल की जय, नटवर लाल के जयकारे गूंज उठे। जन्म के उपरांत पंचगव्य से स्नान कराकर शंख ध्वनि घंटे-घड़ियाल के बीच बाल गोपाल की आरती उतारी गई। गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नटखट नंद किशोर माखन खा गए माखन चोर, नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, जैसे अनेक भजनों से मंदिर परिसर गंजूते रहे। कई धार्मिक संस्थानों की ओर से अखंड हरिनाम कीर्तन का आयोजन हुआ। कल्याणी देवी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोसव मनाया गया। वैदिक मंत्रों के बीच भगवान श्रीकृष्ण का प्रकाट्योत्सव हुआ। मंदिर के अध्यक्ष सुशील पाठक ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सात सितम्बर तक मनाया जाएगा। प्रतिदिन धार्मिक आयोजन किए जाएंगे।