बिलासपुर- सहायक लोको पायलट की 26 वर्षीय पत्नी ने शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात कमरे में पंखे से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। उसके आत्महत्या के काराण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। सुबह परिजनों को उसका
शव कपड़ा सुखाने वाली डोरी से लटका मिला। फिलहाल पुलिस को महिला के मायके वालों का इंतजार है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। घटना तोरवा पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले देवरीखुर्द सतबहनिया दाई मंदिर के पास की है। संतोष दमाड़े बिलासपुर में सहायक लोको पायलेट के पद पर पदस्थ हैं। रोज की तरह सभी लोग खाना खाकर कमरे में सोने चले गए। सुबह जब सहायक लोको पायलेट संतोष दमाड़े की छोटी बेटी चेतना जो डेढ़ वर्ष की है उसने रोना शुरू किया तो संतोष की नींद खुली। जब देखा कि कमरे में प्रियंका नहीं है तो उनकी खोजबीन शुरू की गई। सामने जाे कमरा है उसे बंद देखकर संतोष का माथा ठनका। कमरा खोलने की कोशिश की गई तो वह अंदर से बंद था। इसके बाद खिड़की का कांच तोड़ा गया। कांच टूटने के बाद जब कमरे के अंदर देखा तो पता चला कि प्रियंका पंखे पर लटकी हुई है।सहायक लोको पायलट की पत्नी के आत्महत्या किए जाने को लेकर कई तरह की चर्चा होती रही। कुछ लोग इसे पत्नी-पति के बीच हुई लड़ाई का अंदाज लगाते रहे तो पड़ोसी किसी तरह का विवाद नहीं होने की बात कहते रहे। प्रियंका ने आत्महत्या क्यों की इसका पता नहीं चल पाया है। पड़ोसियों का कहना था कि लगभग 3 वर्ष पहले वे किराए से रहने आए थे। लेकिन पति-पत्नी के बीच कभी विवाद जैसा कुछ नहीं सुना। प्रियंका भुसावल की रहने वाली थीं और अभी 6 वर्ष पहले ही उनकी शादी सहायक लोको पायलेट संतोष दमाड़े के साथ हुई थी। शादी के बाद सब कुछ सामान्य चल रहा था। अचानक प्रियंका ने अपनी जान क्यों दे दी यह सभी के लिए प्रश्न बना हुआ है। प्रियंका के परिजनों से जितनी बात हो पाई है उसके हिसाब से भी उनका कहना है कि अभी कुछ नहीं बताया जा सकता।