हरीश भार्गव - शीलकुमार यादव -लोकसभा चुनाव की तैयारियां निर्वाचन आयोग से लेकर राजनैतिक दल करने में जुटे हुये है फरवरी माह के अंत तक लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। मध्य प्रदेश में लोकसभा के चुनाव अप्रैल माह में होने की संभावना है। क्योकि मार्च माह में परीक्षाऐं होगी इस कारण लोकसभा का चुनाव अप्रैल माह के अंत में होने की संभावनायें नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव में कांगे्रस पिछली बार 2 सीटो पर सिमिट कर रह गई थी किन्तु इस बार मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटो में से कांग्रेस 20 लोकसभा सीटे जीतने की सभी संभावनायें तलाश रही है। यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लोकसभा की 20 सीटे जीतना है तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से लेकर सुरेश पचौरी को अपने अपने क्षेत्र में पूरी ताकत झोंकनी होगी। तभी लोकसभा की सीटे मध्य प्रदेश में भाजपा से आगे कांग्रेस निकलने में कामयाब हो पायेगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने तथा कांग्र्रेसी नेताओ के एक जुट होने के कारण मध्य प्रदेश में उम्मीद है कि कांग्रेस की सीटे लोकसभा के चुनाव में भाजपा से भी आगे निकल सकती है। इसके लिए कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओ को एक जुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है तभी मध्य प्रदेश में कांग्रेस सीटे बढ सकेगी। इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेताओ को चुनाव मैदान में उतारना आवश्यक होगा जिससे कांग्रेस मजबूत स्थिति में पहुंच सके। यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ बसपा का गठबंधन होता है तो कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में उम्मीद के अनुसार लोकसभा सीटे मिल सकती है।
सिंधिया की जगह प्रियदर्शनी या महेन्द हो सकते है उम्मीदवार
गुना लोकसभा क्षेत्र महल का गढ माना जाता है यहां से हमेशा महल का उम्मीदवार ही चुनाव जीतता आया है चाहे वह कांग्रेस से हो या भाजपा से इस लोकसभा सीट से हमेेशा क्षेत्र के लोगो ने महल के प्रत्याशी को ही सांसद चुना है। चाहे महल का प्रत्याशी नामांकन फार्म भरने के बाद राजमाता की तरह चुनाव प्रचार करने ही न आया हो इसके बाद भी इस क्षेत्र के लोगो ने महल के प्रत्याशी को चुनाव जिताया है। जिस प्रकार ग्वालियर चंबल संभाग में आने बाली 34 विधानसभा सीटो में से करीब 26 सीटे जीत के भाजपा का सूपडा साफ दोनो संभागो से क्षेत्र की जनता ने किया है उससे उम्मीद लगती है कि दोनो संभागो के अंतर्गत आने बाली 4 लोकसभा की सीटो पर भी भाजपा को इस बार एक सीट निकालने में ही पसीने निकल आयेगे। इस बार लोकसभा के चुनावो में कांग्रेस जीतने बाले चेहरो को चुनाव मैदान में उतारेगी ऐसा तय है इस हिसाव से ज्योतिरादित्य सिंधिया यदि ग्वालियर से चुनाव लडते है तो गुना लोकसभा से उनकी धर्म पत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया या उनके चहेते महेन्द्र सिंह यादव खतौरा बाले गुना लोकसभा से उम्मीदवार हो सकते है। सूत्र यहां तक बताते है कि ग्वालियर चंबल संभाग की चारो सीटो पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की विशेष निगाह है इसके चलते वह भिण्ड से अशोक अर्गल, मुरैना से प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, ग्वालियर से स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सुरक्षित सीट गुना से अपने चहेतेेे कांग्रेसी नेता महेन्द्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
बसपा से मध्य प्रदेश में कांग्रेस का हुआ गठबंधन तो भाजपा को लगेगा झटका
लोकसभा चुनाव की घोषणा एक माह के अंदर हो जायेगी और घोषणा के अगले एक माह के उपरांत मतदान मध्य प्रदेश में होगा इसकी उम्मीद लगभग तय है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटो पर मुख्य मुकावला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच होना तय है किन्तु कांग्रेस के वोट यदि बसपा प्रत्याशी काटते है तो भाजपा की सीटे बढ सकती है। और यदि बसपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करती है या प्रत्याशी नही उतारती है तो यह तय है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सीटे भाजपा से आगे निकलना तय है जिस प्रकार
उत्तर प्रदेश में सपा एवं बसपा के गठबंधन से भाजपा कमजोर नजर आ रही है उसी तरह यदि मध्य प्रदेश बसपा एवं कांग्रेस का गठबंधन होता है तो कांग्रेस की सीटे भाजपा से आगे निकल सकती है। और यदि बसपा कांग्रेस को अपना समर्थन देकर मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशी नही उतारती है तो इसका लाभ शुद्घ रूप में कांग्रेस को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।
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