कोलारस - प्रेम ही परमात्मा को प्रकट करने का एकमात्र उपाय है जिसके हृदय में प्रेम है वही परमात्मा को प्रकट कर सकता है इसके अलावा और दूसरा कोई उपाय भी परमात्मा को प्रगट नही कर सकता गोपियों ने भी परमात्मा को प्रेम के द्वारा ही पाया है रामचरितमानस में भी तुलसीदास जी ने कहा है रामहि केवल प्रेम पियारा जान लेहु जो जाननि हारा इसका अर्थ है भगवान को प्रेम ही प्यारा है भगवान श्री कृष्ण ने भी शास्त्रों में प्रेम कोई सर्वोपरि बताया है इसलिए अपने हृदय में ईश्वर के प्रति प्रेम प्रकट करेंगे तभी ईश्वर का साक्षात्कार हो सकेगा यह प्रवचन कोलारस के समीप ग्राम चनेनीे में चल रही भागवत कथा के दौरान ओम नम: शिवाय मिशन शिवपुरी के आचार्य पंडित बृज भूषण महाराज ने अपनी कथा के दौरान दीये और उन्होंने बताया ईश्वर का नित्य चिंतन मनुष्य को करना चाहिए भक्ति एवं ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ती है और उन्होंने यह भी बताया कि समय से देवताओं का भजन मनुष्य की शक्ति में सहायक होता है आचार्य ने कहा आजकल का मनुष्य परमात्मा से बहुत दूर जा रहा है जो कि अच्छा बात नहीं पूरी सृष्टि ईश्वर चला रहा है और जब ईश्वर को ही व्यक्ति अपने हृदय से निकाल देगा तो समाप्ति की ओर बढ़ जाएगा धर्म हीन मनुष्य का जीवन उत्तम नहीं माना गया है धार्मिक व्यक्ति एक समाज को दिशा दे सकता है महाराज ने बताया कि सदैव व्यक्ति को धर्म पर चलना चाहिए ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा रखना चाहिए एवं समाज सेवा के लिए कार्य करते रहना चाहिए कथा आयोजन हरगोविंद सिंह धाकड़ सीताराम जी धाकड़ करा रहे हैं यह कथा 6 जून तक होगी।
Tags
कोलारस