करवा चैथ पर इन बातो का रखें विशेष ध्यान व्रत होगा सफल, मिलेगा पुन्य फल
कोलारस - करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस बार यह व्रत 4 नवंबर बुधवार के दिन किया जाएगा। इस व्रत को सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए निर्जल रखती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए चंद्र देव की पूजा करती हैं। लेकिन इस व्रत में कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है, तभी व्रती को इसका फल मिलता है। ये बातें इस प्रकार हैं –
इस दिन पहने इस रंग के वस्त्र
व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन काले और सफेद रंग के कपड़ पहनने से बचें। संभव हो तो इस दिन लाल, पीले या फिर हरे रंग के कपड़े पहनें। ये रंग सुहाग का प्रतीक माने जाते हैं।
विवाहित बिटिया के घर भेजें बयाना
अगर बेटी विवाहित है तो चौथ माता की पूजा शुरू होने से पहले बेटी के घर पर बयाना जरूर भेजना चाहिए। बयाना में सुहाग का सामान भी भिजवाना चाहिए।
पति पानी पिलाकर खुलवाता है व्रत
सुहागिन महिलाएं छलनी में पहले दीपक रखती हैं, फिर इसके बाद चांद को और फिर अपने पति को देखती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर और मिठाई खिलाकर व्रत खुलवाते हैं।
चांद को देखकर खोला जाता है व्रत
सुहागिन महिलाएं चांद को अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं। यह व्रत तब तक पूरा नहीं माना जाता है जब तक पत्नी छलनी से चांद और अपने पति का चेहरा ना देख लें।
भगवान को लगाएं ये भोग
चांद देखने के बाद मां गौरी की पूजा करें और भगवान को पूरी-हलवा के प्रसाद का भोग लगाएं। करवा चौथ के दिन पूड़ी-सब्जी, खीर, फल और मिठाई का भी भोग लगाना चाहिए।