दशहरा पर्व पर दिखा महंगाई का असर, रावण के पुतले ने दिया वैक्सीनेशन का संदेश


कोलारस - कोलारस में हरवर्ष लगभग 50 से 60 फिट रावण के पुतले का दहन होता आ रहा है पर इसवर्ष कोविड-19 के वजह से वह रावण के पुतले का साइज अब 12 फिट रह गया है इस रावण के पुतले को एक मुस्लिम परिवार पिछले 20 वर्षाे से बनाते आ रहा है इस रावण के पुतले का निर्माण कोलारस नगर के गोडर मोहल्ले में रहने बाले स्व.रियाज खा मंसूरी का परिवार लगभग 20 वर्षाे से बनाता आ रहा है आजाद खा मंसूरी ने बताया की हरवर्ष इस रावण के पुतले का निर्माण 50 से 60 फिट का होता था परन्तु कोविड-19 एवं मंहगाई के कारण इस पुतले का साईज घटकर इस वर्ष 12 फिट रह गया कोविड-19 के चलते प्रशासन की गाइडलाइंस के अनुसार इस रावण के पुतले का साइज जोकि पहले हुआ करता था 50 से 60 फिट इस वर्ष घटकर 10 से 12 फिट रह गया है इस रावण के पुतले को बनाने में लगभग 8 से 10 दिन का समय लगता है वही एक तरफ इस बार महंगाई की मार का असर इस रावण के पुतले पर भी पड़ा है आयोजनकर्ताओं ने बताया की हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण का दहन शाम 7 बजे  के लगभग रावण के पुतले का दहन लँकापुरा मैदान में किया गया।

विजयदशमी का पर्व हम सभी को खुद के भीतर बैठे रावण को मारने की प्रेरणा देता है साथ ही चिरकालिक आनंद का जरिया राम के चरित्र में है तो राम को पूजा-पाठ के कर्मकांडो तक सीमित किये बगैर आइए राम के चरित्र से कुछ सीखते हैं खुद को तोड़ने के लिए और पुनर्निर्मित करने के लिए हिम्मत चाहिए, उस हिम्मत की प्रेरणा राम के चरित्र से मिल सकती है। जब स्मरण कर लेंगे कि, उन्होंने रावण को भी माफ़ करने की पेशकश की थी, तो माफ़ करना इतना मुश्किल नहीं होगा। जब स्मरण कर लेंगे कि, कैकेयी ने वनवास दिलवाया, और कैकेयी के प्रति तनिक भी उनके मन में द्वेष नहीं आया; वापस भी आए तो सबसे पहले कैकेयी से मिले, तो द्वेष छोड़ना आसान हो जाएगा। जब स्मरण करेंगे कि, उन्होंने शत्रु के भाई को भी गले से लगा लिया, तो आप भी दुनिया को स्वीकार कर पाएंगे। किसी झुंड के गुलाम नहीं बनेंगे। राम तो उसी के हैं, जो कोई उन्हें अपना ले। राम तो राजा होकर भी अहिल्या के पैर छू लेते हैं, बोले कि मुझसे ज़्यादा शुद्ध आप हैं, मुझे आशीर्वाद दीजिए, तो हम फिर क्यों पूरी दुनिया को अपने पैरों में झुकाना चाहते हैं...?

आइये आपसी-बैर, द्वेष, दुर्भावना को त्यागकर सद्गुणों को अपनाएं, अपने अंदर के रावण पर विजय पायें।

बुराई पर अच्छाई, अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयदशमी के अवसर पर कोलारस में राधा गोपाल जी मंदिर से निकली श्री राम जी की रथ यात्रा यात्रा में , वानर सेना द्वारा कर्तव्य दिखाते हुए बोल से खेलते हुए सदर बाजार होते हुए लंकापुरा पहुंची, लंकापुरा पर श्री राम जी की सेना के पहुंचने पर हुई भव्य आरती के उपरांत श्री राम ने असत्य रूपी रावण का वध किया

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