तहसील कार्यालय में बिना लेनदेन के नहीं होता कोई भी कार्य, मामला कोलारस तहसील का

कोलारस - कोलारस तहसील कार्यालय पर संकट के बादल मंडरा रहे है हजारों विचाराधीन सक्रिय प्रकरण अब बने अधिकारियों की गले की हड्डी पटवारियों की रिपोर्ट लगे मामले भी महिनों तक विचाराधीन साथ ही तहसील कार्यालय में रखे हुये धूल खा रहे है लोक सेवा कार्यालय पर कार्य को लेकर शक्ति न होने के कारण फायले डली डली धूल खा रही है तत्काल निराकरण के नाम पर लोगो को परेशान कर कई दिनों तक फायलों को ऑनलाईन न करने के मामले कई बार सामने आये है साथ ही फायलें ऑनलाईन होने से पहले ही खोने के मामले भी गई आये है और तो और ऑनलाईन होने के 45 दिन बात के नियम के अनुसार भी कोई हल न होने लेकिन फिर भी कोई शक्ति न दिखाने के कारण परेशान होते लोग, आवेदक अपनी समस्यओं को हल कराने के लिये लोक सेवा का दरवाजा खटखटाते है लेकिन हल की जगह गुमराह किया जाता है ऐसा क्यों, कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण बडते 181 के मामले, समाधान की जगह और स्थिति बिगड़ती हुई बरिस्ट अधिकारियों और आयुक्तों के निर्देशों को भी तहसील कार्यालय में महिनो तक नही किया जा रहा अमल पूर्व की सैकड़ों फाइलें आगामी राजस्व पखवाड़े में हल करने की जुगत में राजस्व विभाग सुबिधा शुल्क के लिए किसानों को किया जा रहा है परेशान लोक सेवा केंद्र के नामान्तरण के मामले 45 दिन की जगह 2 माह में कार्यालय में निपट कर बैक डेट में दर्ज करने की प्रथा जारी यदि पटवारी रिपोर्ट दर्ज के तुरंत बाद आदेश हो जाये तो सैकड़ों मामलों का बोझ होगा कम लेकिन अंतिम तिथि का रहता है इंतजार पी.एम. किसान सम्मन निधि के सैकड़ों नोटिस जारी जिनमें आपत्र किसानो से होना है बसूली लेकिन कोई प्रगति नही, आगामी समय मंे इस बसूली का अभियान भी तहसील कार्यलय को परेशानी का सबब, लोक सेवा कार्यालय पर सुविधा शुल्क के लिये परेशान होते लोग।


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