कोलारस - कोलारस के लिये वाकई में अभिशाप ही कहा जाएगा कि आज भी कुपोषण के दंश से जिले भर में कई आदिवासी परिवार जहां भूखे मरने की कगार पर हैं, वही उनके मासूम बच्चे कुपोषण की चपेट में आकर अल्प समय में ही काल के गाल में समा रहे हैं एक और प्रशासन जहां योजनाओं के क्रियान्वयन को पूर्ण दर्शाता है तो वहीं दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्वर्ण मध्य प्रदेश को भी कहीं ना कहीं यह कुपोषण मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है । दरअसल हम बात कर रहे हैं कोलारस के रिझारी गांव में रहने वाली 1 वर्षीय गंभीर कुपोषित बालिका लक्ष्मी आदिवासी की मौत की। वहीं अगर देखा जाए तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को इन आदिवासी परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सोपकर स्वयं जिला प्रशासन ने भी कुपोषण पर पर्दा डालने का अनैतिक कार्य किया है। वही इस पूरे मामले पर सीएमएचओ ने जांच कमेटी गठित की है अब देखना होगा कि इसमें लापरवाही करने वालों पर क्या गाज गिरती है । या फिर खानापूर्ति ही कर ली जाएगी।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल और फैसबुक अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि बच्ची की मौत के बाद प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल सहित फेसबुक पेज पर पोस्ट किया है कि, "उपचुनाव क्षेत्रों में भाजपा का कन्या पूजन कार्यक्रम जारी है और वहीं नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस में कुपोषित आदिवासी परिवार की मासूम लक्ष्मी की दुखद मौत, परिवार भटकता रहा इलाज नहीं मिला।" कमलनाथ के फेसबुक पेज पर इसे एक विज्ञापन की तरह दिखाया जा रहा है और नीचे लिखा गया है। "यह है भाजपा का सेवा, समर्पण, जनकल्याण स्वाराज और कन्या पूजन अभियान। इस ट्वीट के बाद भाजपा सरकार की कारगुजारी को लेकर हंगामा मच गया है।
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