सीकर - सरकारी टीचर ने अपनी विधवा बहू की दूसरी शादी कर मिसाल पेश की। सास ने बहू को बेटी की तरह विदा किया। टीचर के छोटे बेटे की शादी 2016 में हुई थी। शादी के 6 महीने बाद ही ब्रेन स्ट्रोक के कारण उसकी मौत हो गई थी। सास ने बहू को पढ़ाया- लिखाया और ग्रेड फर्स्ट की लेक्चरर बनाया।
रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव में कमला देवी के छोटे बेटे शुभम की शादी सुनीता से 25 मई 2016 को हुई थी। शादी के बाद शुभम MBBS की पढ़ाई करने के लिए किर्गीस्तान चला गया। जहां नवंबर 2016 में उसकी ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई। इसके बाद सास ने बहू को अपनी बेटी की तरह प्यार दिया। अब 5 साल बाद सास ने अपनी बेटी की तरह धूमधाम से दूसरी शादी की।
बिना दहेज लिए की थी शादी
शुभम और सुनीता किसी कार्यक्रम में एक-दूसरे से मिले थे। शुभम ने यह बात घर पर बताई तो उन्होंने शादी के लिए सुनीता के घर वालों से बात की। शादी के समय सुनीता के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। उन्होंने सुनीता को बिना दहेज अपने घर की बहू बनाया।
सास बोली- तीन घरों की लक्ष्मी सुनीता
शिक्षिका कमला देवी ने बताया कि सुनीता ने पहले तो अपने माता-पिता के यहां जन्म लेकर उनके घर को खुशियों से भरा। शादी के बाद उनके घर में एक बेटे की तरह रही। शनिवार को मुकेश के साथ उसकी शादी हुई है। अब वह मुकेश के घर को भी खुशियों से भर देगी।
बहू को बेटी की तरह अपने पास रखा
कमला देवी के बड़े बेटे रजत बांगड़वा ने बताया कि छोटे भाई शुभम की मौत के बाद मां ने सुनीता को मुझसे ज्यादा प्यार किया। बदले में सुनीता ने मां की हर बात मानी। शुभम की मौत होने के बाद भी मां ने सुनीता को एमए, बीएड करवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई। पिछले साल सुनीता का चयन हिस्ट्री के लेक्चरर पद पर हुआ। फिलहाल वह चूरू जिले के सरदार शहर इलाके के नैणासर सुमेरिया में शिक्षिका है। सुनीता ने हमारे घर का ध्यान रखने के साथ ही अपने माता-पिता का भी पूरा ध्यान रखा। सुनीता ने अपने छोटे भाई को भी पढ़ाया।