विवेक व्यास कोलारस - सदर हल्के में पटवारियों द्वारा तहसील से जारी राजस्व सम्बंधित आदेशो का अमल न करना अधिकारियों को मुसीबत बना हुआ है उक्त मामला शुक्रवार प्रेस वार्ता के दौरान कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुबंशी के सामने भी खुलकर आया।
वही कोलारस में कुछ कालोनियों को अबैध घोषित कर दिया है और उनके नामान्तरण भी राजस्व विभाग द्वारा नही किये जा रहे इससे जनता को काफी परेशानी हो रही है जब कि उक्त कॉलोनियों में से वर्तमान में भी प्लॉटिंग का कार्य जारी है और उनकी रजिस्ट्री भी कोलारस उप पंजीयक कार्यालय में की जा रही है बिना प्रचार प्रसार के खरीददार को कैसे पता चले कि जिस कॉलोनी में वह प्लॉट ले रहा है वह वैध है या अवैध है यदि कोई भी कॉलोनी अबैध घोषित होती है तो वहां प्रशासन को बोर्ड लगाना चाहिए साथ ही इसका भरपूर प्रचार प्रसार किया जाना भी आवश्यक है किंतु ऐसा कुछ नही होता सीधे फरमान जारी और जनता को परेशान करना कोलारस राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है जिन भूखण्डों के नामन्तरण अधिकारियों द्वारा किये जा रहे है उन्हें पटवारी कंप्यूटर पर महीनों तक अमल नही कर रहे है जबकि आदेश होते ही पटवारी की आईडी पर वो आदेश तुरंत पहुँच जाता है और उक्त आदेश का पालन कराना पटवारियों का कार्य भी है परन्तु ऐसा नहीं किया जाता है पटवारियों द्वारा आवेदक द्वारा कई चक्कर काटने के बाद महीनों तक अमल नहीं किया जाता है।
पूर्व में कोलारस हल्के पर पदस्थ पटवारी को रिलीफ किया जा रहा था तो उसके द्वारा सैकड़ों आदेशो को पेंडिंग कर रखा था उसका कार्य भी प्रशासन ने दवाव में लेकर दूसरे पटवारियों से कराया तत्कालीन में कोलारस हल्के पर पदस्त पटवारी द्वारा भी आदेशों को अमल न किये जाने परेशान होते लोग अधिकारियों की शिकायतें विधायक तक पहुँच रही है आखिर सम्बंधित अधिकारी राजस्व की बैठकों में किन विसंगतियों को देखते है ये सोचने का बिषय है राजस्व विभाग में कई महीनों तक नामांतरण के आदेश के लिये चक्कर काटता फिरे उसके बाद कई महीनों तक उसे अमल में लाने के लिये पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते है क्या राजस्व विभाग को एक नियत योजना के तहत राजस्व मामलों का अमल निश्चित करना होगा ताकि जनता में व्याप्त असन्तोष विधायक तक न पहुंचे हालहि में कोलारस विधायक रघुवंशी ने सभी को कोलारस विभागों में जारी अनियमितताओं को ऊजागर करने की बात भी कही थी साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों को नामांतरण जैसे विभाग से संबंधित कई मामलों में प्रेस वार्ता के द्वारा विधायक के समक्ष रखी गई।