मुंबई में डांस बार शुरू होने की घटना भी काफी रोचक है करीब 43 साल पहले मुंबई में डांस बार का चलन शुरू हुआ। शुरू में डांस नहीं होते थे।
1970 की शुरुआत में महाराष्ट्र के गरीब खेतिहर इलाकों से आने वाली युवतियों पर बार के मालिकों की नजर पड़ी और उन्होंने इन युवतियों को अपने यहां शराब परोसने के लिए रखना शुरू किया।
इसे ‘वेटर सर्विस’ नाम दिया गया। ये ‘साइलेंट बार’ थे। बाद में कुछ ने अपने यहां ऑर्केस्ट्रा सर्विस शुरू कर दी। जब फिल्मों में आइटम नंबर जैसे गाने आने लगे तो बारों ने अपने यहां गायिकाओं के साथ ऐसी लड़कियां भी रख लीं जो उत्तेजक कपड़े पहन कर नाच सकें।
सच यह भी है कि कई बार में प्रॉस्टिट्यूशन का काम भी गुपचुप ढंग से चलता ही था और यह अपराध का अड्डा भी बन चुके थे।
देश में डांस बार सबसे पहले महाराष्ट्र में ही चलन में आए और फिर देश के बाकी शहरों में फैले। अगस्त 2005 में डांस बार को बॉम्बे पुलिस (अमेंडमेंट) ऐक्ट पास होने के साथ ही महाराष्ट्र में बैन कर दिया गया। हालांकि, फिर भी 2011 के आखिर तक मुंबई और इसके बाहरी हिस्सों में गुप्त रूप से यह काम होता रहा।
कुछ बार गर्ल्स ने मुजरा भी शुरू कर दिया। कुछ बार गर्ल्स प्राइवेट पार्टीज में डांस करने जाने लगीं, जहां सेक्शुअली भी उनका इस्तेमाल किया जाता था।
आर्थिक तंगी के कारण वे किसी भी ढंग से जल्दी ही पैसे वाला बनना चाहती हैं ।
युवतियां, नेताओं और अधिकारियों को रिझाने और फंसाने के लिए एनजीओ के काम के बहाने जाती थीं और फिर साजिश के तहत अपना काम शुरू करती थीं। वो नेताओं और सरकारी अफसरों को हुस्न के जाल में फंसाकर उन्हें सैक्स का ऑफर देती थीं।
हालांकि बहुत से शादीशुदा महिलाए हनी ट्रैप में होती , इस कारण यह शक के दायरे में बहुत देर से आती हैं। इसके आलावा मौका मिलने पर चोरी भी करती रहती है और बलात्कार के झूठे मामले दर्ज करवाकर मोटी रकम लेती हैं , पैसा लेने के बाद कोर्ट में बयान देने भी नहीं जाती है।
"त्रिया चरित्र न जाने कोई, पति मारकर सती हुई ..... "
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