अकूत संपत्ति की भूख से कलंकित होता देश का सबसे बड़ा पद

दिशा बदले तो देशा  बदले 

विवेक व्यास कोलारस - भारतीय प्रशासनिक सेवा का सबसे बड़ा पद जिसको हमेसा से ही देश का युवा छात्र पाना चाहता है उसको भी अकूत संपत्ति और पैसों की भूख के चक्कर मे वर्तमान मानव जाति के सभ्य अधिकारी कलंकित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है चपरासी और बाबुओं में बर्षों पहले पनपा भ्रस्टाचार और आधिकारिक अमले द्वारा इसे नजरअंदाज करना आज देश के लिये इतना महंगा पड़ रहा है कि रिस्वतखोरी ने हमारे भारत मे प्रथा परंपरा का रूप धारण कर लिया है सरकार द्वारा देश के बरिस्ट पदों पर बैठे अधिकारियों को सम्मान और समृद्धि से रहने की पूरी सुबिधा प्रदान की गई है लेकिन संस्कार और आध्यात्म विचारधारा के अभाव में प्रशासनिक अधिकारी अंधे होते जा रहे है। किंतु सभी अधिकारी ऐसे नही है  मध्यप्रदेश में चुकि सूचना आयुक्त राहुल सिंह पारदर्शिता को लेकर जनता को जागरूक कर रहे है और मंत्रालयों में बैठे प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी अभी भी ईमानदार और सिद्धान्तवादी है इस कारण मध्य्प्रदेश में अभी ऐसे हालात कम ही है लेकिन निचले स्तर पर मध्य्प्रदेश में काफी समय से----------!

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म