*विभाग ने दिया 24 घंटे के अन्दर कार्यवाही का भरोसा
*सहरिया क्रांति युवाओं की पर्यावरण बचाने अनुपम पहल
शिवपुरी - शिवपुरी जिले में वन अपराधियों से मिलकर वनों के खात्मे के प्रयास में संलिप्त वन अमले पर कठोर कार्यवाही व वन क्षेत्रों में चल रही अवैध खदानों को तत्काल बंद कर पर्यावरण को खात्मे से बचाने के उद्देश्य से सहरिया क्रांति की जंगल बचाओ विंग के युवाओं ने आज वनमंडलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर जमकर नारेवाजी की व जंगल विनाश में सहयोगी वन अमले पर कार्यवाही की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन, वन मंत्री, प्रमुख सचिव वन विभाग के नाम वनमंडलाधिकारी शिवपुरी को ज्ञापन सोंपा ।
ज्ञापन एसडीओ फारेस्ट ने ग्रहण कर 24 घंटे के अंदर प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन दिया है आज सैकडों की संख्या में सहरिया क्रांति के युवा वन मंडल कार्यालय पहुंचे और जंगल बचाने को गगन भेदी नारे लगाये सहरिया क्रांति के प्रदेशाध्यक्ष औतार भाई सहरिया ने ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिवपुरी जिला पूरे प्रदेश में अपनी हरीतिमा के लिए पहचाना जाता है जिसे प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की शासन की मंशा है सहरिया क्रांति आदिवासियों का एक पवित्र आन्दोलन है जो वनों की रक्षा के लिए भी संकल्पित है ।
इस जिले में वन विभाग के कुछ रेंजर व वन अमले का माफिया व सफेदपोश वन अपराधियों के साथ गुपचुप अपवित्र गठबंधन बन गया है । शिवपुरी वन रेंज व सतनवाड़ा रेंज में वन अपराधियों की वन अमले के प्रभावशाली पद पर आसीन सरकारी कर्मचारियों से जुगलबंदी हो गई है जिससे वन अपराधी इतना बेखौफ हो गए वे खुले में अवैध उत्खनन करने उतारू हो गए हैं ।
शिवपुरी में सुरवाया रेंज अंतर्गत आने वाले खुटेला में कंडउ की पहाडी से पिछले 2 माह में 1 से डेढ़ करोड़ से अधिक का पत्थर वन क्षेत्र से चोरी करा दिया गया ,पिछले 6 दिन पूर्व हितेची मशीन ने पूरा जंगल साफ़ कर नई जगह पर खनन करना शुरू कर दिया है, यह सभी सूचना वन रेंजर को मोबाईल पर सहरिया क्रांति सदस्यों द्वारा उपलब्ध कराई मगर आज दिनांक तक रेंजर ने मौके पर जाकर आपराधिक तत्वों पर कार्यवाही नहीं की, उल्टा सूचनाकर्ता का नाम माफियाओं को बता दिया जिससे वे प्रभाव डालकर शिकायत न करने का दबाव देने लगे हैं।
इसी खुटेला के पास स्थित सिंध नदी से रेंजर व वन अमले ने अवैध रूप से रेत का उत्खनन शुरू कर दिया है जहां से प्रतिदिन लगभग 2 दर्जन ट्रक्टर ट्राली अवैध रेत का परिवहन करने में लगेर हैं इस सभी काले करोबार मी वन अमले ने अपना हिस्सा तय कर लिया है इन गतिविधियों से पूरा हरा भरा जंगल जिसकी सहरिया आदिवासी कई पीढ़ियों से रक्षा करते चले आ रहे हैं वे खात्मे की कगार पर पहुंच गये हैं जिससे वन्य प्राणी अक्सर आसपास के गांवों में घुस आते है व दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं लीज की ओट में पूरा जंगल तबाह हो रहा है और पूरा वन मंडल ये ह्रदयविदारक नजारा देखकर तनिक भी विचलित नहीं है।
शिवपुरी जिले में दबंगों ने कई हजार टन खैर के पेड़ काटकर अपने फार्महाउस पर खैर की लकड़ी से तार फैसिंग कर ली है . इस कृत्य में वन विभाग शामिल है जिसने किसी भी दबंग फार्महाउस मालिक पर वन सम्पदा दोहन का मामला दर्ज नहीं किया है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि विगत कुछ माह पहले वनमंडलाधिकारी ने डोंगरी बम्हारी के आरक्षित वन क्षेत्रों का भ्रमण किया था जहां बड़े पैमाने पर वन में अवैध उत्खनन पाया गया था मगर उसके बाद भी रेंजर व अन्य वन अमले पर प्रभावी कार्यवाही न होने के कारण इस सतनबाड़ा रेंज अंतर्गत आने वाले डोंगरी के जंगलों में और दोगुने तरीके से अवैध उत्खनन शुरू हो गया है जिससे पूरा वन खात्मे की कगार पर पहुंच गया है।
सतनबाड़ा रेंज के जमोनिया में प्लान्टेशन के नाम पर भरी गोलमाल हुआ है इसकी जाँच की मांग भी की गई है पिछले एक माह में चुनाव ड्यूटी की ओट में वन रक्षकों की गैर हाजिरी में हजारों बीघा वन भूमि को पेड़ काटकर खेती करने दबंगों के हवाले कर दिया गया जिले भर में ये खेल खेला गया इसमें कई रेंजरों व डिप्टीरेंजरों की कथित संलिप्तता बताई जा रही है ।
सतनबाड़ा रेंज के अंतर्गत कोटका व वूड्दा का कई बीघा जंगल हाल ही सफाया कर दिया गया मगर कार्यवाही किसी भी तत्व पर नहीं की गई जो यह संदेश दे रहा है की ये सारा काम वन अमले की संलिप्तता से ही तो नहीं चल रहा !
कोलारस प्लान्टेशन की लाखों की बोंड्री चोरी हो गई मगर रेंजर को पूरी तरह से कार्यवाही से अछुता रखा गया जो वन विनाश करने वाले तत्वों के होसले बुलंद कर रहा है।
शिवपुरी में रायल्टी के नाम पर गंदा खेल खेला जा रहा है, जिन खदानों में पत्थर ही नहीं है उनकी रायल्टी काटी जा रही है. पूरे जिले में ये खेल चल रहा है . वन क्षेत्र में पहले जो अवैध काम काम टांकी - हतोड़े करते थे वो काम अब बड़ी बड़ी मशीनों से हो रहे हैं जिससे कुछ ही सालों में शिवपुरी के पूरे वन खत्म हो जायेंगे .इस अंतिम अनुरोध पत्र के माध्यम से आपसे अपील करते हैं कि अविलम्ब ज्ञापन में उल्लेखित बिन्दुओं को गम्भीरता से लेकर बारीकी से जांच कराकर कार्यवाही सुनिश्चित करें व केंद्र अथवा प्रदेश की उच्चस्तरीय जाँच समिति गठित कर मौका मुआयना कराने का कष्ट करें . अन्यथा पूरे जिले भर में वन दफ्तरों के सामने वन मित्र सहरिया आदिवासी बड़ा आन्दोलन करने विवश होंगे जिनकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
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