कमीशन खोरी से बना कोलारस के बड़ोखरा का तालाब टूटा, शासन के 17 करोड़ पानी में वहे

कोलारस - कोलारस परगने में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में वारिश काफी कम है उसके बाद भी कमीशनखोरी से बने तालाब कम वारिश के बाद भी पानी में वह रहे है इससे तालावों की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों ने क्या तालाव के निर्माण में 50 प्रतिशत राशि भी खर्च की होती तो कम वारिश में 17 करोड़ की लागत से बना कोलारस परगने के बड़ोखरा का तालाव पानी में नहीं बहता कमीशनखोरी की कहानी किसी से छिपी नहीं है अधिकारियों से लेकर नेताओं के शेयर होने के कारण निर्माण करने वाली एजेंसी 50 प्रतिशत भी राशि खर्च नहीं कर रही है जिसके चलते तालावों से लेकर पंचायतों के भवन, सड़के, नालियां एवं कुटीरों से लेकर शौचालय 05 वर्ष भी नहीं चल पा रहे है कमीशनखोरी की कहानी इसी तरह चलती रही तो हम आने वाले समय में अंग्रेजों से बुरे गुलामी के दौर में पहुंच जायंेगे।


ग्राम बड़ोखरा में बने तालाब अधिक बारिस व पानी का दबाब न झेल पाने के कारण डह गया इलाके में लगातार बारिश के बाद इस तालाब को टूटने से नहीं बचाया जा सका 2017 में 17 करोड़ रुपये की लागत से बना यह तालाब पानी के दबाव को नहीं झेल पाया तालाब टूटने से आसपास के गांवों-खेतों में पानी भर गया है ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। 

बता दें कि शिवपुरी जिले की बदरवास तहसील के ग्राम बड़ोखरा में तालाब टूटने की घटना हुई है शिवपुरी में पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के बाद में तालाब पानी के तेज बहाव को सह नहीं पाया और पूरी तरह से टूट गया तालाब का पानी  आसपास के गांव और खेतों में भर गया, जिसके चलते किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि तालाब टूटने से पानी घरों-खेतों में भर गया है उन्होंने तालाब निर्माण करने वाले ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाए ग्रामीणों का कहना है कि चार साल में ही तालाब बह गया है इससे साबित होता है कि निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है बता दें कि तालाब का भूमिपूजन 2017 में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया था।


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