इसका जीता जागता उदाहरण है तहसील करैरा के ग्राम सलैया निवासी राखी जोशी जो बारी बाबा स्वसहायता समूह की सचिव है और समूह का पूरा लेखा-जोखा देखती है उन्होंने बताया कि वे 2015 से जुड़ी और शुरूआत में उन्होंने समूह के सभी सदस्यों के साथ छोटी-छोटी बचत चालू की फिर समूह का विस्तार हुआ जिसमें सभी सदस्यों के खाते खोले गए और सीआईएफ के रूप में उन्हें 50 हजार रूपए मिले जिससे उन्होंने अपनी घर की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा किया इसके उपरांत समूह से मिलने वाले रुपयों से उन्होंने सभी सदस्यों के साथ मूंगफली भी खरीदी जिसे बाद में छिलका निकालकर बाजार में उचित दाम में बेच दिया उन्होंने बताया कि समूहों से महिलाओं को बहुत सहयोग मिला है समूह से मिलने वाले रूपयों से उन्हें बहुत सहायता मिलती है जिससे उन्हें बाजार से किसी से भी ऋण पर रूपए नहीं लेने पड़ते बैंक में जाने पर भी उन्हें बहुत सहयोग मिलता है, उन्हें आवश्यक जानकारियां दी जाती है और वे अब दो से तीन लाख का लेन-देन आसानी से कर लेती है।
स्व सहायता समूह से महिलाओं को मिली एक अलग पहचान
शिवपुरी - म.प्र.डे राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित किए जा रहे स्व सहायता समूहों से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं को एक अलग पहचान मिल रही है वह इन समूहों से मिलकर साक्षर तो हो ही रही है साथ ही समूह से मिलने वाले पैसे का सदुपयोग भी कर रही है।
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