कटाक्ष - गौ-माता की करुण पुकार हे ईश्वर अगले जन्म मोहे गऊ कौ मत दीजौं
कोलारस - जंगल भू-माफिया निगल गये गौ-शालाऐं कमीशन खोरी एवं चारे के अभाव में खाली पड़ी हुई है जिसका परिणाम है कि आज गौ-माता शहरों से लेकर हाईवे पर भूकी प्यासी तथा मच्छरों से बचने के लिये शहरों से लेकर हाईवे पर आने के लिये मजबूर है।मध्यप्रदेष में 10 वर्ष की कांग्रेस सरकार को बदलने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती गौ-माता की सेवा के नाम पर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में सफल हुई थी भले ही भाजपा के मुख्यमंत्री बदल गये किन्तु प्रदेश में कुछ समय छोड़कर निरंतर भाजपा की सरकार बनती चली आ रही है बीच में कुछ समय के लिये बनी कांग्रेस की सरकार ने गौशाला निर्माणा के नाम पर सराहनीय पहल की थी किन्तु कमीषन खोरी, चारे से लेकर पानी एवं देख रेख के अभाव में गौशालाऐं बीरान पड़ी हुई है और गौ-माता कलयुग में आंसू बहाते हुये पूछ रही है कि मेरे नाम पर आपने सरकार बनाई किन्तु मुझे भूख प्यास, बीमारी एवं सड़को पर मरने के लिये छोड़ दिया जबकि मेरा दूध से लेकर पेशाव एवं गोबर तक लोगो के उपयोग में आता है फिर गौ-माता को सड़कों पर मरने के लिये छोड़ दिया और जीव भक्षण करने वाले जीव की आगवानी से लेकर व्यवस्था के नाम पर सरकार ने करोड़ों खर्च कर दिये और आज स्थिति यह है कि गौ-माता भाजपा सरकार के कार्यकाल में भूख प्यास, बीमारी से लेकर दुर्घटना के चलते प्रतिदिन दम तोड़ रही है।
गुना से लेकर ग्वालियर के बीच प्रतिदिन दुर्घटना का शिकार होती गौ-माता, बदरवास में हाईवे पर सर्वाधिक बैठी मिलती है गौ-माता
सूर्य अस्त होने के बाद ग्वालियर से यदि आप गुना के लिये हाईवे पर गुजरते है तो आपको हाईवे से लेकर नगर एवं कस्बों में प्रतिदिन हजारों गौ-माता भूख-प्यास मिटाने तथा मच्छरों से बचने के लिये रोड़ किनारे बैठी हुई मिल जायेंगी इतना ही नहीं रात्रि के समय काले रंग की गौ-माता तेज स्पीड् बाहन चालकों को दिखाई न देने के कारण दुर्घटना का शिकार स्वयं होती है और बाहन चालक भी कभी-कभी दुर्घटना का शिकार हो जाते है प्रतिदिन जहां हाईवे पर हजारों गौ-माताऐं बैठी हुई देखी जा सकती है वही दर्जनों की संख्या में मौत का शिकार भी दुर्घटना के चलते हो रही है हाईवे एवं कस्बे किनारे बदरवास में सर्वाधिक गौ-माताऐं रोड़ पर बैठी हुई देखी जा सकती है इसका सवसे बड़ा कारण साफ होते जंगल, बंद पड़ी गौशालाऐं एवं प्रशासनिक लचर व्यवस्था से लेकर सरकार की लाचारी गौमाता की बदहाली के लिये जिम्मेदार है।
