ग्रेजुएशन के बत्तीस साल बाद मिले दोस्त और बनाया प्रवासी भारतीय गीत


प्रवासी सम्मेलन में भाग लेने वाले दो एनआरआई दोस्तों ने भारत के दो दोस्तों के साथ मिलकर एक गाना तैयार किया है। जो प्रवासी भारतीय दिवस पर आधारित है।

इंदौर मेें चार दोस्त साथ पढ़ते थे। 32 साल पहले दो दोस्त सैन फ्रांसिस्को और ह्यूस्टन चले गए और दो दोस्त नईदिल्ली  और भोपाल चले गए। अब प्रवासी सम्मेलन के लिए मिले तो चारों ने मिलकर एक गाना तैयार किया। उसकी लांचिंग शनिवार को होगी।

इस गाने में मशहूर इंदौरी राजीव नेमा भी साधु का किरदार निभा रहे है। चारों दोस्त एसजीआईटीएस काॅलेज में इंजीनिरिंग की पढ़ाई करते थे। प्रवासी दिवस के लिए बनाया गया गीत कबीरदास के भजनों से प्रेरित है। इसमें एक साधु और एक एनआरआई की बातचीत है। गाने की शूटिंग इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में हुई हैै।

गीत चार दोस्तों ने मिलकर बनाया।

राजीव नेमा बताते है कि गाने का सार यही है कि साधू कहता है प्रवासी से कि ‘धन कमा लिया अब लौट के घर आ जाओ’ और NRI कहता है कि ‘अब परिस्थिति लौटने की नहीं है बल्कि नॉलेज (ज्ञान) और स्किल्स (कौशल) एक्सचेंज करने की है।मैं जो भारत से सीखा हूँ वो दुनिया को सिखाता हूँ और जो बाक़ी दुनिया से सीखा हूँ वो भारत में आकर शेयर करता हूँ। स्थाई रूप से लौटने के बजाय हम एक दूसरे से सुख दुख बाँटते रहें और एक दूसरे के साथ ख़ुशी से रहें।

गाने के बोल लौट के घर आना... है। उसे मनीष त्रिवेदी ने लिखा हैै,जबकि अनिल जाजू और अश्विन पण्डया ने गाया हैै। अभिनय में चारों दोस्त साथ नजर आ  रहे है। गाने में राजीव नेमा इंदौरी साधु के किरदार में है। वे विेदेशों में बसे भारतीयों से लौट आने का आग्रह करते हैै। गीत में विमानतल, राजवाड़ा, कृष्णपुरा छत्री को भी फिल्माया गया है।


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