त्रुटिपूर्ण आदेश जारी और आदेशों का सही अमल न होना भी परेशानी
कोलारस - विगत एक बर्ष से कोलारस में लगातार होते तहसीलदारों के स्थानांतरण से राजस्व विभाग के अधिकरियों को मूल समस्या से रु ब रू होने का अवसर नहीं मिल पा रहा है ।
समय समय पर आने वाले नवीन तहसीलदार बैठक का आयोजन कर नामांतरण समय पर करने और शासन द्वारा निर्देशित अभियानों पर ही विशेष फोकस रखते है । इसके बाद समय मिलता है तो जिला कलेक्टर की बैठक मे सीएम हेल्पलाइन के मामलों को गंभीरता से लेकर निराकरण के निर्देश पटवारियों को दिए जाते है।।
ई डिस्ट्रिक शिवपुरी जिले में सभी तहसीलों का काम भी ऑनलाइन प्रोसेस से जारी है। किसानों और पक्षकारों के काम लोक सेवा और आरसीएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ठीक हालत में चल रहे है।
किंतु कुछ महिला पटवारी और लापरवाह पटवारी राजस्व मामलों में नियत समय पर अपनी रिपोर्ट नही लगा रहे है जिससे जमीनी मामलों के निराकरण में अधिक समय लग रहा है। वही राजस्व मामलों में आदेश जारी होने के बाद पीड़ितों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आदेश में साफ लिखा रहता है कि पटवारी 7 दिवस में अमल कर न्यायालय को अवगत कराए किन्तु मामले के कई माह बीतने के बाद भी पटवारी आदेशों को कंप्यूटर में अमल नही कर रहे है। जिसके चलते कंप्यूटर अमल की प्रति मूल फाइल में लगाए बिना ही बंद कर दिया जाता है। समय समय पर होने वाली राजस्व की बैठक में इस और कोई भी अधिकारी ध्यान नही देता जिसके चलते जनता को 181 सहित शिकायत का सहारा लेना पड़ता है।
वही राजस्व न्यायालय से जारी होने वाले त्रुटिपूर्ण आदेश जनता के लिए परेशानी का सबब बने हुए है । आदेश यदि सुद्ध होता है तो बिना लेन देन किए पटवारी उन्हे कंप्यूटर में गलत अमल कर गरीबो को परेशान करते है। हालाकि इस प्रकार की विसंगतियों के सुधार के लिए पूर्व पदस्थ तहसीलदार नवनीत शर्मा,मधुलिका तोमर,प्रदीप भार्गव,दिलीप द्विवेदी,ज्योति लक्षाकार ने काफी प्रयास किए।
उक्त प्रयास के बाद वर्तमान में भी तहसील कार्यालय कोलारस के कई ऐसे आदेश है जो महीनो से अमल नही हुए। पटवारी नियमित हलकों में नही पहुंच रहे है जिससे ग्रामीण अंचल के लोग भटकने पर मजबूर है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि तहसील न्यायालय के बहुत से कामों में निजी व्यक्ति जुड़े हुए है जिसमे कई फील्ड में पटवारियों का काम कर रहे है तो कुछ कार्यालय में लगे हुए है।
इससे राजस्व विभाग की कई गुप्त बाते निकलकर बाजारों में भी पहुंच रही है और भू माफियाओं के लिए बड़े लाभ का कारण बन रही है।
लोक सेवा में दर्ज नही हो रहे तुरंत आवेदन-तहसील कार्यालय में मनमाने तरीके की कार्यवाही पर लोक सेवा अभियान काफी हद तक अंकुश कर सकता था किंतु लोक सेवा के आदेश भी कार्यालय से पोर्टल पर तुरंत दर्ज न होने से यहां से भी आदेशों का अमल समय पर नही हो रहा। लोक सेवा अभियान के कर्ता धर्ता अधिकारियों के दबाव में नामांतरण,बटवारा,सहित अन्य आवेदनों को तुरंत दर्ज नही कर रहे है । जिसके चलते लोक सेवा योजना का पूरा लाभ जनता को नही मिल पा रहा है आवेदन दर्ज करने में कभी कभी तो सॉफ्टवेयर न चलने का बहाना बनाकर दो सप्ताह तक मामले टेबल पर पड़े रहते है । यादि जिला कलेक्टर उक्त मामलों को गंभीरता से ले तो काफी हद तक हालतो मे सुधार हो सकते है।
नवीन तहसीलदार निशा भरद्वाज से जनता को बड़ी आशा-
विगत एक बर्ष से कोलारस तहसील का संचालन या तो प्रभारी तहसीलदारों के हाथो में रहा या अंडर ट्रांसफर अधिकारियों के हाथो में ।
इसी कारण राजस्व विभाग की मूल समस्याओं को वह निराकरण नहीं मिल सका जो त्वरित और प्राथमिक तौर पर होना चाइए। एडवोकेट विवेक व्यास द्वारा खसरा अमल और त्रुटिपूर्ण आदेश को लेकर पूर्व आयुक्त के माध्यम से इसकी जांच के आदेश पूर्व कलेक्टर को कराए थे। उक्त जांच का भार भू अभिलेख शाखा को दे दिया गया था जिसमे कोलारस की कई फाइल मिसिंग और कई आदेश गलत जाती होने के प्रमाण मिले थे साथ ही जिले की अन्य तहसीलों के रिकॉर्ड मे भी बड़ी अनियमितता मिली थी। कलेक्टर अक्षय कुमार की बदली और आयुक्त ग्वालियर की सेवा निवृत्ति के बाद भाजपा शासन में उस जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। तात्कालिक समय जिला कलेक्टर ने राजस्व मामलों के त्वरित निराकरण और आदेश अमल को लेकर शक्त दिशा निर्देश भी जारी किए थे किंतु अब उन आदेशों को पटवारी कोई तरजीह नहीं दी रहे है। कोलारस में हालही में पदभार ग्रहण करने वाली तहसीलदार निशा भरद्वाज से किसानों और जनता को बड़ी उम्मीद है। जनता को भरोसा है कि नवीन तहसीलदार पुराने आदेशों के अमल को लेकर प्रभावी कार्यवाही करेंगी।
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