कोलारस - कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र इन दिनों इतने घटिया स्तर पर पहुंच चुका है कि यहां एमएलसी, पीएम के अलावा साधारण डिलेवरी एवं साधारण मरीजों के अलावा स्थानीय लोगो का कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र से पूर्णतः मोह भंग हो चुका है उसका सबसे बड़ा कारण यहा कागजों में अनेक चिकित्सक पदस्थ है किन्तु मुख्यालय पर केवल और केवल एक चिकित्सक ही निवास करते है अन्य चिकित्सक शिवपुरी अथवा ग्वालियर से एमर्जेन्सी वाले दिन ही कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र आते है शेष दिन अपने घरों पर आराम एवं निजी चिकित्सालयों में सेवाऐं प्रदान करते है शाम के समय ओपीडी में कभी भी एक चिकित्सक से अधिक मौजूद ही नहीं रहते।
कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र यहां नियमित सेवाऐं प्रदान करने के लिये बीएमओ सहित 05 चिकित्सक मौजूद है जिनमें से मुख्यालय पर डॉ. कमल धाकड़ को छोड़ दिया जाये तो शेष चिकित्सक मुख्यालय पर निवास ही नहीं करते फिर भला ओपीडी में जाने का तो सबाल ही नहीं उठता यहां शासन द्वारा करीब एक दर्जन चिकित्सकों के पद निर्धारित किये हुये है जिनमें से ज्यादातर पद भरे हुये है कुछ अटैचमैंट पर, कुछ ट्रेनिंग पर, कुछ निवास पर विश्राम के अलावा एक चिकित्सक को सीबीएमओ का प्रभार मिला हुआ है इन सबको जोड़ दिया जाये तो मायनस करके केवल और केवल कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में एक ही चिकित्सक दिखाई देते है कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में वर्तमान समय में एक मैडिसन विशेषज्ञ चिकित्सक, एक महिला चिकित्सक, बच्चों के विशेषज्ञ एवं मुख्यालय पर निवास करने वाले एमबीबीएस चिकित्सकों की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि कोलारस हाईवे एवं रेल्वे ट्रेक से जुड़ा होने के कारण यहां दुर्घटना के मामले प्रतिदिन आते है जिन्हें उपचार न मिलने के कारण प्रतिदिन मौते हो जाती है यदि क्षेत्र के नेता प्रदेश सरकार से चिकित्सकों की तैनाती नहीं करा पाते तो कोलारस के स्वास्थ्य केन्द्र का निजी करण या बंद कर देना चाहिये जिससे प्रदेश सरकार के प्रतिमाह खर्च होने वाले करोड़ों रूपये बर्बाद होने से बच जायेंगे।