सोशल मीडिया पर आपत्ति जनक पोस्ट करने वाले यूजर्स को नोटिस जारी कर दिये सख्त निर्देश - Gwalior




ग्वालियर - सार्वजनिक शांति भंग करने और समाज में वैमनस्यता फैलाने वाली भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट पर ग्वालियर पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) धर्मवीर सिंह के निर्देशानुसार साइबर सेल ग्वालियर ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 का उल्लंघन करने वाले 55 सोशल मीडिया यूजर्स को नोटिस जारी किए हैं और 300 से अधिक आपत्तिजनक पोस्टों को हटवाया है।

पुलिस के अनुसार, साइबर सेल ग्वालियर की विशेष टीम जिले में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के उल्लंघन को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स की लगातार निगरानी कर रही है यह धारा सार्वजनिक शांति भंग करने, समाज में वैमनस्यता फैलाने अथवा किसी समुदाय के विरुद्ध भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने से संबंधित है साइबर सेल की टीम पिछले कुछ सप्ताहों से फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सएप ग्रुप्स जैसे प्लेटफॉर्म पर सक्रिय प्रोफाइल्स की गहन मॉनिटरिंग कर रही थी। 

जांच के दौरान ऐसे कई अकाउंट्स की पहचान की गई जो भड़काऊ और समाज विरोधी पोस्ट डालकर सार्वजनिक शांति और सौहार्द को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे कार्रवाई के तहत, अब तक साइबर सेल टीम द्वारा 55 सोशल मीडिया यूजर्स को नोटिस जारी किए गए हैं। 

इसके अलावा, समाज में तनाव पैदा कर सकने वाली 300 से अधिक भड़काऊ पोस्टों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटवा दिया गया है कुछ सक्रिय उपद्रवी यूजर्स के अकाउंट्स को डीएक्टिवेट कराने की प्रक्रिया भी जारी है जिन यूजर्स को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें सख्त चेतावनी दी गई है कि वे भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहें, अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि साइबर एवं तकनीकी टीम द्वारा ऐसे सभी सोशल मीडिया यूजर्स पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है, जो बार-बार भड़काऊ अथवा आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे हैं टीम इन पोस्टों को रिकॉर्ड कर साक्ष्य एकत्रित कर रही है ताकि संबंधित यूजर्स के विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। 

ग्वालियर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करें पुलिस ने कहा, "सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का माध्यम है, लेकिन इसका दुरुपयोग कर किसी वर्ग, धर्म या समुदाय की भावनाओं को आहत करना या समाज में अशांति फैलाना गंभीर अपराध है।"

अपील के मुख्य बिंदु :-
कोई भी पोस्ट या मैसेज साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें किसी भी भड़काऊ, अफवाहजनक या असत्य पोस्ट को शेयर न करें।

यदि कोई संदिग्ध सामग्री दिखाई दे तो तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाना पुलिस को सूचित करें।

पुलिस का संदेश है, "सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करें, अभिव्यक्ति की आज़ादी का अर्थ किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है।"

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