कोलारस - अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य योग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं परम वंदनीय माताजी भगवती देवी शर्मा जी के सूक्ष्म संरक्षण में परम श्रद्धेय अध्यात्मिक संदेश वाहक श्री अनिलेश तिवारी जी महाराज (बनारस काशी) वालों की अमृतवाणी से सप्त दिवसीय श्रीमद् प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन श्री हनुमान जी मंदिर धर्मशाला कोलारस पर पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ और 60 दीक्षा के साथ संपन्न हुआ।
इस पावन प्रज्ञा पुराण कथा के माध्यम से श्री महाराज जी ने समस्त क्षेत्र वासियों को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को श्रोताओं के समक्ष बहुत ही सीधी, सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत किया । महाराज जी ने लोगों को बताया कि ईश्वर ने मनुष्य को सभी संपदा से संपन्न बनाया है, जो मनुष्य जिसका विकास कर लेता है उसके जीवन में वही संपदा परिलक्षित होती है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसा परिणाम मिलता है, इसलिए व्यक्ति को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।
महाराज जी ने शक्ति के स्रोत सविता का महत्व समझाया इस दुनिया में शक्ति का स्रोत सविता है अतः लोगों को सविता की आराधना करनी चाहिए, ध्यान करना चाहिए। गायत्री जाप करना चाहिए गायत्री मंत्र ही महामंत्र है संसार की समस्त समस्याओं का निराकरण आदि शक्ति मां गायत्री ही है, उसी के जप से समस्याओं का निराकरण हो सकता है। सभी श्रोताओं को अपने जीवन में साधना, उपासना, आराधना का महत्व समझाया। स्वाध्याय का महत्व समझाया गया। व्यक्ति के जीवन में उपासना, साधना, स्वाध्याय और संयम आने पर ही सफलता मिलती है मनुष्य जीवन में गुरु का बड़ा ही महत्व है परम पूज्य गुरुदेव श्री राम शर्मा आचार्य जी के साहित्य को पढ़कर व्यक्ति अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकता है।
इस कथा के माध्यम से लोगों को नशा के हानिकारक दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया गया और कई लोगों ने नशा न करने का संकल्प लिया। अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है। इस कथा के माध्यम से लोगों को अंधविश्वास, कुरीतियों से दूर रहने के लिए कहा गया। इस कथा का आयोजन पूर्व मंडी अध्यक्ष रामजीलाल धाकड़ एवं उनके परिजनों के द्वारा किया गया। इनके इस आयोजन के द्वारा समस्त क्षेत्रवासी लाभान्वित हुए।


