SC-ST एक्ट के खिलाफ भारत बंद, मप्र में अलर्ट

एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद मध्यप्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में बवाल मचा हुआ है। रविवार देर रात सीधी जिले की चुरहट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रथ पर पथराव के बाद सरकार चिंतित हो गई है। इस आंदोलन से भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में घबड़ाहट दिखाई दे रही है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर कथित भारत बंद को लेकर पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है| पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था मकरंद देउस्कर ने मंगलवार को बताया कि एक्ट में संशोधन को लेकर सवर्ण समाज का विरोध अब तक मंदसौर, नीमच, ग्वालियर जैसे कुछ शहरों में रैली के रूप में हुआ है। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में विरोध के स्वर तीखे बताए जा रहे हैं। वहीं, कटनी, सतना, जबलपुर, रीवा, विदिशा, हरदा, बदनावर, सागर, टीकमगढ़, मंडला, श्योपुर जैसे जिलों में भी एट्रोसिटी एक्ट संशोधन को लेकर नाराजगी स्वरूप विरोध प्रदर्शन हुए हैं। दरअसल, पिछले 4-5 दिन में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन में गति पकड़ ली है। मप्र के 25से ज्यादा जिलों में आंदोलन फेल चुका है। खास बात यह है कि  राज्य मंत्रालय में बैठकर सपाक्स और अपाक्स जैसे संगठन चलाने वाले आईएएस अधिकारी भी इस आंदोलन को अपने-अपने स्तर पर हवा दे रहे हैं।  सपाक्स ने कई जिलों में 6 सितंबर को बंद का आह्वान किया है। देउस्कर ने बताया कई सनगतानों ने भारत बंद का आव्हान किया गया है जो केवल सोशल मीडिया पर चल रहा है। होशंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर इक्का-दुक्का संगठनों ने बंद की सूचना प्रशासन को दी है। अभी इंटरनेट निलंबन जैसी आवश्यकता महसूस नहीं की जा रही है। फिर भी जिलों को जन्माष्टमी के दौरान उपलब्ध कराई गई पुलिस फोर्स को वापस नहीं लिया गया है। वे भारत बंद में कानून व्यवस्था के लिए उपयोग कर सकते हैं।

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