शिवपुरी - सोशल मीडिया और मीडिया में खासे चर्चित हो रहे चार वर्षीय आदिवासी बालक बीकेश आदिवासी को आज जिला अस्पताल से सकुशल चलता हुआ डिस्चार्ज किया गया। इस बच्चे के पैर का परीक्षण उपरांत कोई फैक्चर नहीं निकला है।
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय शिवपुरी डॉ.आर.के.चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिवस पूर्व एक आदिवासी बालक अपने परिजनों के साथ जिला चिकित्सालय शिवपुरी में इस जानकारी के साथ भर्ती कराया गया था कि उक्त बालक और उसके परिजनों का ग्वालियर जिला अंतर्गत रेंहट चराई के पास सड़क दुर्घटना हो गई है। इन सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार प्रारंभ किया गया, लेकिन इससे पूर्व दुर्घटना ग्रस्त यह सभी ग्वालियर जिले में किसी निजी चिकित्सालय में उपचार करा चुके थे जहां असंतुष्ट रहने पर यह किसी निजी एम्बुलेंस से अपने घर की ओर रवाना हुए, लेकिन एम्बुलेंस चालक इन्हें शिवपुरी छोड़कर चला गया। इसके बाद यह शिवपुरी के एक निजी चिकित्सालय में उपचार कराने के लिए जा पहुंचे जहां भी एक्सरे आदि करने के बाद इन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती होने के लिए भेज दिया गया। जिसके बाद जिला अस्पताल के स्टाफ द्वारा इनका उपचार प्रारंभ किया गया।
सिविल सर्जन ने बताया कि सोशल मीडिया में जिस बच्चे के पैर में पट्टा चढ़ा हुआ दिखाया जा रहा है उस बच्चे का परीक्षण करने पर पाया कि उसके पैर में कोई फैक्चर नहीं है ऐसी स्थिति में उसे जिला चिकित्सालय शिवपुरी से चलता हुआ डिस्चार्ज किया गया।
डॉ.चौधरी ने बताया कि यदि बच्चे के पैर पर फैक्चर होता तो वह तीन दिवस में चल नही सकता था। जिला चिकित्सालय शिवपुरी ने अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए आदिवासी बालक को डिसचार्ज करने से पूर्व परिजनों के साथ विडियो भी बनाया जिसे जन सुविधा के लिए वायरल भी किया जा रहा है।
सिविल सर्जन ने कहा कि जिला अस्पताल में उक्त आदिवासी परिवार से कोई राशि नही ली गई। न इन रोगियों से उपचार के लिए बाजार से किसी प्रकार की सामग्री मंगाई गई है।
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