शिवपुरी के बाद कोलारस में भी अवैध कॉलोनाईजर पर प्रकरण पंजीवद्ध - Kolaras

बिजली खम्बे और नाली विहीन कच्चे रास्तों पर भरा पानी
सीएमओ ने अपर कलेक्टर के निर्देश के पालन में कार्यवाही को दिया अंजाम 

शिवपुरी निवासी तनुज गोयल पुत्र महेन्द्र गोयल पर हुई प्राथमिकी दर्ज 

कोलारस - विगत कई वर्षो से कोलारस अनुविभाग में राजस्व, रजिस्टार अमले की मदद से भू-माफिया कोडी मोल ली गई कृषि भूमि को व्यवसायिक उपयोग कर शासन को करोड़ो की छति पहुंचाते रहे है इस काले धन्धे में अधिकतर शिवपुरी के भू-माफिया लगे हुये है वहीं कोलारस के बडे-बडे व्यापारी और राजनेताओं की भी इनके साथ सायलेन्ट पार्टनरशिप से इंकार नहीं किया जा सकता। 

जिसके चलते अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन ने हाल ही में शक्ति करना शुरू कर दिया। इसी क्रम में अपर कलेक्टर के आदेश दिनांक 9/5/2022 के परिपालन में कोलारस सीएमओ महेश चंद्र जाटव ने कोलारस में कई बर्षों से अबैध कॉलोनी के काम करने वाले बड़े भू माफिया तनुज गोयल पुत्र महेंद्र गोयल के खिलाफ दिनांक 21/5/2022 को कोलारस पुलिस थाने में मध्य्प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 398-ग के अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध कराया है।

प्रशासन की उक्त कार्यवाही के बाद भी भू-माफिया धडल्ले से राजस्व की छति करते हुये अपना कारोबार कर रहे है ज्ञात हो की पूर्व में कोलारस अनुविभाग स्तर से कई बार उक्त माफियाओं को नोटिस भी जारी किये गये है किन्तु उक्त नोटिशों का कोई प्रभाव इन पर देखने को नहीं मिला हालाकि पूर्व में नगर परिषद कोलारस ने खुद भू-माफियाओं को फलने फूलने का मौका दिया है। माफियाओं से मिलकर शासन की बड़ी राशि उक्त अबैध कॉलोनियों में सड़के डालने एवम प्रधामनंत्री आवास के नाम पर बर्बाद कर दी जिसकी गंभीर जाँच होना चाहिए।

ऐसा नही है कि केवल तनुज गोयल ने ही कोलारस की कृषि भूमि से व्यापार कर करोड़ों की राशि जमा की है वरन पूर्व के 12 बर्षों में शिबपुरी सहित कोलारस के अनेक माफियाओं ने सरकार को करोड़ो के राजस्व का चूना लगाकर बेसकीमती जमीनों को खुर्द बुर्द किया है।

शासकीय जमीन और नालों पर काट दिये प्लॉट-इस कार्य मे भू माफियाओं को रजिस्टार कार्यालय, तहसील कार्यालय और नगर परिषद का भरपूर सहयोग मिला है और आज भी मिल रहा है। इसी तरह भूमाफिया प्रशासन की मदद से बड़े बड़े नालों और शासकीय जमीनों को तक बेचने में सफल हो गए है जिसमे कोलारस के ही माफियाओं ने बड़ा काम किया है पूर्व में कोलारस नगर के नक्शे में रेल्वे कॉलोनी, राई रोड़, गुढ़़ रोड़, मोहरा रोड़ पर कई ऐसे स्थान थे जहां नाले निकलते थे किन्तु कई कॉलोनाईजरों ने इन शासकीय नालों को ही गायव कर दिया जिसमें तहसील कार्यालय की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। 

वही रजिस्टार कार्यालय ने भी विना कागजो के ही, छोटे से रकवे के डायवर्शन पर सम्पूर्ण भूमि को ही बिक्रय करने में सहयोगी भूमिका अदा की है - प्रशासनिक कार्यालय हो जांच की जद में - कोई भी भू-माफिया बिना रजिस्टार कार्यालय और तहसील के सहयोग से शासकीय भूमि और कृषि भूमि पर कॉलोनी नही काट सकता क्योकि कॉलोनाइजर नियम में साफ उल्लेख है कि कॉलोनी में पार्क, मंदिर, बिजली, नल सहित मूलभूत सुविधाओं का होना आवश्यक है रजिस्टार को भी रजिस्ट्री से पूर्व मौका स्थल की जांच करना चाहिए वही भूमि बिक्रय के बाद नामन्तरन से पहले पटवारी को भी उक्त सभी बिन्दुओ की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है किंतु ऐसा कुछ नही हुआ। सभी नियमों को ताक पर रखकर माफियाओं को प्रसाशन ने लाभ पहुचाया है यदि इस कार्यवाही में सभी माफियाओं पर कार्यवाही नही की गई तो न्यायालय में प्रशासन को बड़ी तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।

राजस्व की छति पहुचाने वाले माफिया अभी भी पकड़ से दूर -कोलारस में पिछले 12 सालों से शिवपुरी सहित कोलारस के एक दर्जन से अधिक भू माफिया गिरोहबंदी कर जमीनों के काले कारोबार में लगे है। जिनमे भाजपा और कांग्रेस के सफेदपोश नेता भी पीछे नही है ।

इनके ऊपर अधिकारी हाथ नही डाल सकते इस कारण आगमी समय मे छोटे छोटे जमीन कारोबारियों पर भी कार्यवाही होना तय है ताकि बड़े माफियाओं को बचाया जा सके । हालाकि तनुज गोयल ने भी सर्वे नम्बर 51/01 रकवा 1.44 मैं भूमि का स्वरूप बदलकर शासन को करोड़ो की छति पहुचाई है। देखा गया है जब भी भू-माफियाओं पर कोई जांच या कार्यवाही की बात आती है तो प्रशासन उक्त सभी मामलों को गुपचुप तरीके से कर लेता है। इस जांच में उन पीड़ितों और सोसितों को नहीं बुलाया जाता जिनको माफिया वर्षो से ठग रहे है न ही उन दलालो पर प्रशासन किसी प्रकार की प्राथमिकी दर्ज नहीं कराता जो भोले भाले लोगो को भू-खण्ड दिलाने के नाम पर लाखों रूपये बीच में कमा रहे है।


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